Kaifi Azmi Shayari: कैफी आजमी उर्दू के बेहतरीन शायर हैं. उन्होंने बॉलीवुड के लिए कई गाने लिखे. उनका असली नाम सैयद अतहर हुसैन रिज़वी था. कैफी आजमी की पैदाइश उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में हुई. उनके घर में पहले से ही शेर व शायरी का माहौल था. इसलिए उन्हें भी शेर व शायरी का शौक हुआ. उन्होंने अरबी और फारसी की तालीम हासिल की. इसके बाद वह शेर व शायरी करने लगे. 


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रोज़ बस्ते हैं कई शहर नए 
रोज़ धरती में समा जाते हैं 


मेरा बचपन भी साथ ले आया 
गाँव से जब भी आ गया कोई 


रोज़ बढ़ता हूँ जहाँ से आगे 
फिर वहीं लौट के आ जाता हूँ 


बेलचे लाओ खोलो ज़मीं की तहें 
मैं कहाँ दफ़्न हूँ कुछ पता तो चले 


कोई कहता था समुंदर हूँ मैं 
और मिरी जेब में क़तरा भी नहीं 


गर डूबना ही अपना मुक़द्दर है तो सुनो 
डूबेंगे हम ज़रूर मगर नाख़ुदा के साथ 


बहार आए तो मेरा सलाम कह देना 
मुझे तो आज तलब कर लिया है सहरा ने 


जिस तरह हँस रहा हूँ मैं पी पी के गर्म अश्क 
यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल पड़े 


कोई तो सूद चुकाए कोई तो ज़िम्मा ले 
उस इंक़लाब का जो आज तक उधार सा है 


पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था 
जिस्म जल जाएँगे जब सर पे न साया होगा 


की है कोई हसीन ख़ता हर ख़ता के साथ 
थोड़ा सा प्यार भी मुझे दे दो सज़ा के साथ 


जो इक ख़ुदा नहीं मिलता तो इतना मातम क्यूँ 
यहाँ तो कोई मिरा हम-ज़बाँ नहीं मिलता