Karnataka HC Issues Notice: कर्नाटक हाईकोर्ट ने उस अर्जी पर राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है, जिसमें मांड्या जिले के श्रीरंगपट्टनम शहर में एक तारीखी मस्जिद के कैम्पस में एक मदरसे के गैर कानूनी तौर पर संचालन करने पर सवाल खड़ा हो गया है.चीफ जस्टिस पी.बी.वराले और जस्टिस कृष्णा एस. दीक्षित की अगुवाई वाली बेंच ने कनकपुरा निवासी अभिषेक गौड़ा द्वारा दायर जनहित याचिका के जवाब में बुधवार को यह आदेश जारी किया. बेंच ने भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के डायरेक्टर जनरल, कर्नाटक सरकार के रेवेन्यू डिपार्टमेंट और कर्नाटक में मांड्या के जिला आयुक्त को नोटिस जारी किया है.


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याचिकाकर्ता ने दावा किया कि श्रीरंगपट्टनम एक तारीखी और टूरिस्ट प्लेस है और टीपू सुल्तान की हुकूमत के दौरान बनी श्रीरंगपट्टनम में जामा मस्जिद को एएसआई द्वारा संरक्षित एक ऐतिहासिक और प्राचीन स्मारक घोषित किया गया है.हालांकि, अर्जीगुजार का इल्जाम है कि ऐतिहासिक मस्जिद के कैम्पस में एक आवासीय मदरसा गैर कानूनी तौर पर चल रहा है. पिटीशन के मुताबिक, जिस परिसर में खाना बनता है, वहां तकरीबन 50 से 60 स्टूडेंट रहकर पढ़ाई कर रहे हैं.इसके अलावा, टॉयलेट, बॉथरूम, एक गेस्ट हाउस और एक  किचन समेत विभिन्न संरचनाएं बनाई गई हैं, और गीले कपड़े परिसर में सूखने के लिए छोड़ दिए गए हैं. याचिकाकर्ता का दावा है कि ये गतिविधियां प्राचीन स्मारक संरक्षण एक्ट 1958 की दफा 7, 8 और 16 का उल्लंघन करती हैं.


 


याचिकाकर्ता ने कहा कि रियासती और मरकजी सरकार के साथ-साथ एएसआई को भी इन उल्लंघनों के बारे में जानकारी है. कथित तौर पर 20 मई, 2020 को मांड्या जिले के जिला आयुक्त को एक शिकायत सौंपी गई थी, इसमें अफसरान से गैर कानूनी कब्जा और उल्लंघनों को संबोधित करने का आग्रह किया गया था. याचिकाकर्ता ने मदरसा कैम्पस को फौरी तौर पर खाली कराने की मांग की है. याचिकाकर्ता ने मस्जिद को एक पुरानी यादगार के तौर पर महफूज करने की मांग और इस सिलसिले में रियासत और मरकजी सरकार को जरूरी हिदायात जारी करने की मांग की है.