Kashmiri Wazwan: कश्मीर अपनी ख़ूबसूरत वादियों के लिए बहुत मशहूर है. वादियों के अलावा यहां की कई ऐसी चीज़ें हैं जिन्हें लोग काफी पसंद करते हैं. जैसे कश्मीर की पश्मीना शॉल, केसर, सूखे मेवे, रोगन जोश, कहवा और भी बहुत सी चीज़ें. इन्हीं के साथ एक चीज़ का नाम और जुड़ता है वो है ‘वाज़वान’. यह 36 डिशेज़ की मल्टीपल-कोर्स मील है. इसमें वेज और नॉन-वेज दोनों डिशेज़ होती हैं. इसे कश्मीरी शादियों में सर्व किया जाता है. 


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वाज़वान कश्मीर की पहचान और तहज़ीब है जिसे बनाना एक हुनर माना जाता है. आइए जानते हैं इसे कैसे बनाया जाता है.


कुछ वेज तो कुछ नॉन वेज है शामिल


वाज़वान में ज़्यादातर डिशेज़ नॉन वेज होती हैं और कुछ वेज. वेज में- यखन (लज़ीज़ मसालेदार दही करी), रुआंगन छमन (पनीर के चौकोर टुकड़े टमाटर की ग्रेवी के साथ), दम एल्वा (आलू दही की ग्रेवी में पकाया जाता है), दम आलू, गंद आचार (कटा हुआ प्याज़, मिर्च, नमक, दही और मसालों के साथ), मूली और अखरोट की चटनी और फिरनी होती हैं. वहीं नॉन वेज डिशेज़ बनाने में मेमने या बीफ और चिकन का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें ‘रिस्ता (एक तेज लाल ग्रेवी में मीटबॉल), लहबी कबाब या मोची कबाब (दही में पका हुआ चपटा मटन कबाब), वाजा कोकुर (दो हिस्सों या दो पूरे पके हुए चिकन), डेनी फाउल (मटन डिश), दूधा रस (मीठे दूध की ग्रेवी में पका हुआ मटन)’ के अलावा और भी डिशेज़ शामिल हैं. इसकी ग्रेवी में दही का ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है और साथ ही इसमें सूखे मेवे जैसे बादाम, अखरोट, किशमिश भी डाले जाते हैं. इसमें टेस्ट और खुशबू के लिए इलायची, दालचीनी, लौंग, सौंफ, हींग, केसर और अदरक का इस्तेमाल किया जाता है. मिठाइयों में कलर और खुशबू के लाने के लिए भी केसर का इस्तेमाल किया जाता है.


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अंतरराष्ट्रीय लेवल पर किया जाता है पेश


वाज़वान को कश्मीर में काफी पसंद किया जाता है. इसे कश्मीरी फूड फेस्टिवल और रीयूनियन्स के साथ-साथ इंटरनेशल लेवल पर पेश किया जाता है.


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