Kawar Yatra Resturant Name: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कांवड़ यात्रा के रास्ते पर मौजूद सभी खाना खाने की जगहों (भोजनालयों) को अपने मालिकों के नाम दिखाने का आदेश दिया है. यह फैसला मुजफ्फरनगर में उत्तर प्रदेश पुलिस के जरिए विपक्षी दलों की तीखी प्रतिक्रिया के बाद अपने आदेश को वापस लेने के एक दिन बाद आया है, जिसमें भोजनालयों के लिए मालिकों के नाम प्रदर्शित करना जरूरी बना दिया गया था. इसके साथ ही फल और सब्जी बेचने वालों को भी अपना नाम लिखने के लिए कहा गया था.


क्या दिए गए हैं आदेश?


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निर्देश के मुताबिक हर एक खाद्य दुकान या ठेले मालिक को बोर्ड पर मालिक का नाम लिखना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रियों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है. अब हर खाने-पीने की जगह, चाहे वह रेस्टोरेंट हो, सड़क किनारे ढाबा हो या फिर खाने-पीने का ठेला हो, उसे मालिक का नाम दिखाना होगा.


हालांकि कुछ लोग सरकार के इस नाम वाले फैसले पर सवाल उठाते दिख रहे हैं. सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि नाम दिखाने से कौनसी पवित्रता दिखती है. क्या कोई धर्म विशेष के यहां खाने या फिर उससे फल लेने से अपवित्र होने का खतरा होगा?


यूपी के मंत्री का बड़ा इल्जाम


इससे पहले आज उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि हिंदू नामों की आड़ में मुसलमान तीर्थयात्रियों को मांसाहारी भोजन बेचते हैं. मंत्री ने कहा, "वे वैष्णो ढाबा भंडार, शाकुंभरी देवी भोजनालय और शुद्ध भोजनालय जैसे नाम लिखते हैं और मांसाहारी भोजन बेचते हैं." 22 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में तैयारियां चल रही हैं.


नहीं मानी बात तो हटा दी जाएगी दुकान


इस बीच, उत्तराखंड पुलिस ने भी निर्देश जारी कर कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद भोजनालयों को मालिकों के नाम बोर्ड पर लिखने को कहा है. मीडिया से बात करते हुए हरिद्वार के सीनियर पुलिस अधीक्षक प्रमोद सिंह डोभाल ने कहा, "होटल, ढाबा या स्ट्रीट फूड स्टॉल चलाने वाले सभी लोगों को अपने प्रतिष्ठान पर मालिक का नाम, क्यूआर कोड और मोबाइल नंबर प्रदर्शित करने का आदेश दिया गया है. जो लोग इसका पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उन्हें कांवड़ मार्ग से भी हटा दिया जाएगा."