किरेन रिजिजू ने कांग्रेस को दिया जवाब, कहा- के. सुरेश इसलिए नहीं बने प्रोटेम स्पीकर
Protem speaker: हाल ही में खत्म हुए लोकसभा चुनाव में सातवीं बार जीतने वाले भर्तृहरि महताब को 19 जून को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18वीं लोकसभा के अस्थायी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया था. इसके बाद कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए इस फैसले को परंपरा के खिलाफ बताया था.
Protem speaker: बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब के प्रोटेम स्पीकर नियु्क्त किए जाने के बाद देश में सियासत गरमा गई. विपक्षी पार्टियां बीजेपी पर हमलावर हो गई तो कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए इस फैसले को परंपरा के खिलाफ बताया था. हालांकि, अब कांग्रेस के इस आरोप पर बीजेपी नेता व संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब दिया है.
क्या है विवाद?
दरअसल, हाल ही में खत्म हुए लोकसभा चुनाव में सातवीं बार जीतने वाले भर्तृहरि महताब को 19 जून को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18वीं लोकसभा के अस्थायी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया था. इसके बाद विवाद शुरू हो गया. कांग्रेस ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर आठ बार के लोकसभा सांसद कोडिकुन्निल सुरेश की अनदेखी करने का और "संसदीय मानदंडों को नष्ट करने" का आरोप लगाया.
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि भर्तृहरी महताब लगातार सात बार से सांसद हैं. इसलिए उन्हें इस पद के लिए चुना गया है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस पर लोकसभा के अस्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति का "राजनीतिकरण" कर रही है. रिजिजू ने कहा हमने सभी परंपराओं का पालन किया है.
के. सुरेश को इसलिए नहीं बनाया प्रोटेम स्पीकर
रिजिजू ने कहा कि के. सुरेश 8 बार के MP जरूर हैं लेकिन 2004 और 1998 में उनका कार्यकाल ब्रेक हुआ था, इसलिए जो लगातार सबसे ज्यादा बार संसद पहुंचे हैं उसे प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी सौंपी गई है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले जब वीरेंद्र कुमार प्रोटेम स्पीकर बने थे तो मेनका गांधी उनसे ज़्यादा बार जीतने वाली सांसद थीं लेकिन मेनका का टर्म बीच में ब्रेक हुआ था इसलिए मेनका की जगह वीरेंद्र को पिछली बार प्रोटेम स्पीकर दायित्व सौंपा गया था.
रिजिजू ने कहा, "हमें उम्मीद थी कि संसद की कार्यवाही अच्छे तरीके से शुरू होगी. लेकिन, संसद के पहले सेशन की शुरुआत से पहले ही कांग्रेस ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए झूठ फैलाना और सभी को गुमराह करना शुरू कर दिया."