Kisan Andolan 3rd Day: कई अहम किसान यूनियनों ने पंजाब में शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों को अपना समर्थन दिया है, भारतीय किसान यूनियन (Ugrahan) और बीकेयू डकौंडा (धनेर गुट) ने 'रेल रोको' (ट्रेनें रोकना) की घोषणा की है. 37 कृषि संघों की एक छत्र संस्था, संयुक्त किसान मोर्चा ने भी चल रहे विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है. प्रदर्शनकारी अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी की मांग कर रहे हैं, इसके अलावा भी किसानों की कई मांगे हैं.


2021 में थी इन संगठनों की अहम भूमिका


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इन यूनियनों ने 2021 में दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अब ये यूनियन किसानों के खिलाफ हिंसा का इस्तेमाल का हवाला देते हुए मौजूदा विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं. बीकेयू के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की है.


आज होगा रेल रोको प्रोटेस्ट


इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि रेल रोको विरोध के लिए लगभग 10 विरोध जगहों को तय किया गया है, जिसमें बीकेयू उग्राहन और बीकेयू डकौंडा (धनेर गुट) संयुक्त रूप से हिस्सा लेंगे, और शाम तक और ज्यादा जगह जोड़े जाने की संभावना है. 


किन जगहों को चुना गया है


रिपोर्ट में कहा गया है कि राजपुरा, सुनाम, बठिंडा में जेठुके गांव, मोगा, मनसा, मलौत, अमृतसर में वल्ला रेलवे क्रॉसिंग, बरनाला, संगरूर, बुढलाडा को रेल रोको विरोध करने की जगहों के तौर  पर चुना गया है. बीकेयू के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा, इससे अमृतसर-जालंधर-दिल्ली लाइन, मनसा-बठिंडा-दिल्ली लाइन, लुधियाना-फिरोजपुर लाइन और दूसरी कई जगह प्रभावित होंगे.


आज होगी तीसरे दौर की वार्ता


गुरुवार को, तीन केंद्रीय मंत्री तीसरे दौर की वार्ता के लिए चंडीगढ़ में किसान नेताओं से मिलेंगे. क्योंकि पंजाब-हरियाणा सीमा पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच गतिरोध तीसरे दिन में प्रवेश कर गया है. इससे पहले दो बैठके हो चुकी हैं, जिनका कोई हल नहीं निकला है. यह मीटिंग शाम पांच बजे होने वाली है जिसमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय मौजूद रहेंगे.


बुधवार को क्या हुआ?


बुधवार को अंबाला के पास शंभू सीमा पर 'दिल्ली चलो' प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाकर्मियों के जरिए रुक-रुक कर शेलिंग की गई. जब भी किसानों का कोई ग्रुप बैरिकेड की ओर बढ़ता तो सुरक्षा बल आंसू गैस का इस्तेमाल करते. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सुरक्षाकर्मियों को प्रदर्शनकारियों की ओर से पथराव का सामना भी करना पड़ा है.


इसी तरह का गतिरोध हरियाणा के जींद जिले में दाता सिंहवाला-खनौरी सीमा पर भी देखा गया. लेकिन, हालात मंगलवार की तुलना में कम अस्थिर रहे, किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने की कोशिश करते हुए अपने ट्रैक्टरों के साथ शंभू में सीमेंट बाधाओं को हटाने की कोशिश की. किसान नेताओं ने दावा किया कि मंगलवार को रबर की गोलियों और आंसू गैस के गोले से 100 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं. पुलिस ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के पहले दिन प्रदर्शनकारियों के जरिए किए गए पथराव में उनके अपने 24 लोग घायल हुए हैं