बेंगलुरु: राजीव गांधी खेलरत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखे जाने का विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ था और कर्नाटक में इंदिरा गाँधी के नाम पर रखे एक कैंटीन के नाम को बदलने को लेकर कांग्रेस और भाजपा में नया टकराव शुरू हो गया है.  इंदिरा कैंटीन का नाम बदलकर अन्नपूर्णेश्वरी कैंटीन किए जाने की अपनी मांग फिर से दोहराते हुए भाजपा नेता सी टी रवि ने जुमेरात को कहा कि  कांग्रेस चाहे तो अपने कार्यालय में इंदिरा कैंटीन या नेहरू हुक्का बार खोल ले. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव रवि ने इल्जाम लगाया कि दिवंगत साबिक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर कैंटीन का नाम रखने के पीछे ’खालिस सियासत’ है. उन्होंने कहा कि भाजपा को उन सभी चीजों को खारिज करने का पूर्वाग्रह नहीं है, जो इंदिरा और उनके पिता और मुल्क के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने किया था, क्योंकि दोनों ने राष्ट्र निर्माण के लिए योगदान किया है, लेकिन यह कहना कि सिर्फ उस परिवार ने राष्ट्र के लिए योगदान दिया है, इससे केवल ‘गुलाम’ ही सहमत होंगे.’’ 


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इंदिरा कैंटीन का नाम बदलकर अन्नपूर्णेश्वरी कैंटीन करने की मांग
सी टी रवि ने कहा कि 217 योजनाओं के नाम नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर रखे गए हैं. क्या अन्य लोगों ने राष्ट्र के लिए योगदान नहीं दिया है. इंदिरा कैंटीन का नाम बदलकर अन्नपूर्णेश्वरी कैंटीन करने की अपनी मांग का बचाव करते हुए, चिकमगलूर से विधायक रवि ने कहा, अन्नपूर्णेश्वरी कोई राजनीतिक नाम नहीं है, वह भोजन की देवी हैं और हम अपनी संस्कृति के हिस्से के रूप में उनसे प्रार्थना करते हैं. कांग्रेस कार्यालय में, उन्हें इंदिरा कैंटीन या नेहरू हुक्का बार खोलने दें. कौन आपत्ति करेगा? लेकिन, वे राजनीति के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करें.

क्या है इंदिरा कैंटीन 
वर्ष 2017 में शुरू की गई इंदिरा कैंटीन में खासी सब्सिडी के साथ खाना मिलता है. इसमें पांच रुपये में नाश्ता और 10 रुपये में दोपहर और रात का खाना मिलता है. यह योजना तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पसंदीदा स्कीम थी. कांग्रेस नेता सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार ने देश के लिए नेहरू और इंदिरा गांधी के योगदान की चर्चा करते हुए भाजपा नेता पर पलटवार किया और उन्हें जिम्मेदारी से बयान देने को कहा है.


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