Aditya L1 Launch Live Updates; ISRO ने रचा नया कीर्तिमान, लॉन्च हुआ सूर्य मिशन ADITYA-L1

सिराज माही Sat, 02 Sep 2023-12:14 pm,

Aditya L1 mission live updates: आज भारत ने सफलतापूर्वक आदित्य एल-1 मिशन को लांच कर दिया है. आदित्य एल-1 की लॉचिंग से जुड़ी हर अपडेट आपको zeesalaam.in पर मिल जाएगी.

Aditya L1 ISRO's first solar mission live updates:  इसरो ने शनिवार को 11.50 मिनट पर सूर्य का अध्ययन करने वाला आदित्य L-1 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. चाँद पर फतह हासिल करने के बाद भारत की सूर्य के अध्ययन की दिशा में यह पहली कामयाबी है. इससे  जुड़ी हर खबर के लिए आप हमारे साथ zeesalaam.in पर बने रहें . 

नवीनतम अद्यतन

  • Aditya L1 Launch Live Updates: भारत ने चांद पर फतह हरसिल करने के बाद सूर्य पर आदित्य एल-1 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. शनिवार को सुबह 11. 50 बजे श्रीहरीकोट से इस मिशन को लॉन्च किया गया है. लॉन्चिंग के बाद आदित्य-एल1 सोलर मिशन पर उस्मानिया यूनिवर्सिटी में खगोल विज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर रुक्मिणी जागीरदार ने, ’इससे पता चलेगा कि इसरो कितनी दूर तक जा सकता है और अपनी क्षमता साबित कर सकता है. यह पहली बार है जब भारत कोई सैटेलाइट भेजने जा रहा है, अंतरिक्ष में सूर्य की निगरानी करने के लिए. अमेरिका, यूरोप, जापान के कई उपग्रहों के बाद, बहुत कम देशों ने सूर्य की खोज की है. भारत का यह मिशन मील का पत्थर बनाने जा रहा है. अभी सूर्य का अवलोकन करने वाले उपग्रहों का जीवनकाल समाप्त होने वाला है. 

  • भारत ने फिर से नया कीर्तिमान रच दिया है. चांद के बाद अब सूरज पर भी भारत ने नया इतिहास रचेगा. आज सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर ISRO ने श्रीहरिकोटा से ADITYA-L1 मिशन की सफल लॉन्चिंग की.

     

  • चेन्नई से लगभग 135 किमी दूर पूर्वी तट पर मौजूद अंतरिक्षयान से शनिवार सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा के लॉन्चिंग पैड से भारत ने आदित्य एल-1 मिशन की सफल लॉन्चिंग की. 

     

  •  ISRO के Aditya-L1 मिशन का काउंटडाउन शुरू; देखें लाइव

  • जम्मू-कश्मीर में छात्र आज इसरो के जरिए Aditya-L1 मिशन के सफल लांच पर खुशी मना रहे हैं. एक छात्र का कहना है, "हमें बहुत गर्व और उत्साह है. हमारा पूरा स्कूल इसरो के साथ है."

     

  •  ISRO के Aditya-L1 मिशन का काउंटडाउन शुरू

  • खगोल वैज्ञानिक सोमक रायचौधरी ने कहा, "सूर्य मिशन Aditya-L1 की क्षमता विज्ञान के क्षेत्र में बड़ा चमत्कार करने की है. लेकिन सूर्य से निकलने वाले कणों से पृथ्वी पर संचार को नियंत्रित करने वाले सैटेलाइट्स प्रभावित हो सकते हैं."

  • आदित्य L1 मिशन L1 सेंटर तक पहुंचेगा जिसका नाम 18वीं सदी में इटली में जन्मे खगोलशास्त्री जोसेफ-लुई लाग्रेंज के नाम पर रखा गया है. इस केंद्र पर सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण उपग्रह की गति को संतुलित करता है.

     

  • इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर कहा, "यह मिशन बहुत महत्वपूर्ण है. आदित्य एल-1 को लैग्रेंजियन पॉइंट 1 के आसपास रखा जाएगा, जहां पृथ्वी और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल लगभग रद्द हो जाता है और न्यूनतम ईंधन के साथ हम वहां अंतरिक्षयान बनाए रख सकते हैं. इसके अलावा, 24/7 अवलोकन मुमकिन है अंतरिक्ष यान में सात उपकरण लगाए गए हैं. इस मिशन के डेटा से वायुमंडल में होने वाली मुख्तलिफ घटनाओं, जलवायु परिवर्तन अध्ययन आदि को समझाने में मदद मिलेगी."

     

  • जम्मू-कश्मीर में Aditya-L1 की लॉन्चिंग को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. यहां आए एक पर्यटन ने कहा, हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत के वजह से हमारे मुल्क को नई ऊंचाइयों तक पहुंचते देखना एक भारतीय के रूप में वास्तव में गर्व की बात है. 

  •  ISRO के पूर्व वैज्ञानिक मनीष पुरोहित ने कहा, "इसरो और भारत मुल्क के लिए यह बहुत बड़ा कदम है. मुल्क की नई अंतरिक्ष नीति के साथ यह स्पष्ट है कि इसरो स्पेस इकोनॉमी में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा. इसलिए इसरो ने स्पष्ट रूप से इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है."

  • इसरो के Aditya L-1 मिशन के लॉन्च को देखने के लिए स्कूली छात्र श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे हैं. 

     

  • ISOR के आदित्य L1 मिशन पर, भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के निदेशक, डॉ. अनिल भारद्वाज ने कहा, "हम सभी लॉन्च को लेकर बहुत उत्साहित हैं. यह सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत का एक बहुत ही अनोखा मिशन है. इसमें शायद एक महीने या उससे अधिक का समय लगेगा." 

     

  • दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू तारामंडल में प्रोग्रामिंग मैनेजर प्रेरणा चंद्रा ने आदित्य एल1 पर कहा , दूसरे देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां पहले ही सूर्य पर जायजा ले चुकी है. भारत के पास सूर्य वेधशाला नहीं है. Aditya-L1 के साथ मुल्क भी सूर्य पर अवलोकन करेगा, जो हमें अंतरिक्ष के मौसम को समझने में मदद करेगा.

     

     

  • 16 दिनों तक Aditya-L1 धरती के चारों तरफ चक्कर लगाएगा. आदित्य-L1 का ट्रांस-लैरेंजियन 1 इंसर्शन होगा. फिर यहां से उसकी 109 दिन की यात्रा शुरू होगी. 

  • यहां देखें लाइव-

    इसरो की वेबसाइट- https://isro.gov.in 

    फेसबुक- https://facebook.com/ISRO

    यूट्यूब- https://youtube.com/watch?v=_IcgGYZTXQw

    इसके अलावा डीडी नेशनल टीवी चैनल पर

  • ISRO के पूर्व वैज्ञानिक मायलस्वामी अन्नादुराई ने कहा, "Aditya-L1 बिंदु तक पहुंचना और उसके चारों तरफ एक कक्षा में लगातार घूमना तकनीकी रूप से बहुत ही चुनौती भरा है. इसके साथ ही बेहद सटीक पॉइंट पर पांच सालों तक लगातार सर्वाइव करना भी बहुत चुनौतीपूर्ण है. यह वैज्ञानिक रूप से बेहद फायदेमंद होने वाला है क्योंकि सात उपकरण,  उन घटनाओं को जानने-समझने की कोशिश करेंगे कि वहां क्या हो रहा है."

  • Aditya L1 में 6 पैलोड्स लगे हुए हैं.

    सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलिस्कोप: सूरज के फोटोस्फेयर और क्रोमोस्फेयर नैरो और ब्रॉडबैंड इमेजिंग करेगा. 

    सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर: सूरज से निकलने वाली सॉफ्ट एक्स-रे किरणों की स्टडी करेगा. 

    हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर :  यह हार्ड एक्स-रे किरणों की स्टडी करेगा. 

    आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट : यह सूरज की हवाओं, प्रोटोन्स और आयन की दिशाओं और उनकी स्टडी करेगा. 

    प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य:  एडवांस्ड ट्राई-एक्सियल हाई रेजोल्यूशन डिजिटल मैग्नेटोमीटर्स: सूरज के चारों तरफ मैग्नेटिक फील्ड की स्टडी करेगा.

  • Aditya-L1 मुल्क का पहला सोलर मिशन है. सबसे अहम पेलोड विजिबल लाइन एमिसन कोरोनाग्राफ है. इसे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) ने बनाया है.

  • आदित्य-L1 सौर तूफानों के आने की वजह क्या है और सौर लहरों और उनका धरती के वायुमंडल पर क्या असर पड़ता है. यह पता लगाएगा.

  •  सूर्य मिशन ADITYA-L1 की सफलता के लिए इसरो प्रमुख  एस सोमनाथ ने मंदिर में जाकर की पूजा.

     

  • भारत इसरो के पीएसएलवी रॉकेट के साथ अपना पहला  सूर्य मिशन ADITYA-L1 (आदित्य एल1 ) लॉन्च करने के लिए तैयार है. आज ISRO श्रीहरिकोटा से सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर इसे लॉन्च करेगा. सफल चंद्रयान-3 चंद्र मिशन के बाद इस मिशन का टार्गेट जमीन से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर सूर्य-जमीन लैग्रेन्जियन बिंदु (एल1) पर एक सुविधाजनक बिंदु से सूर्य का स्टडी करना है. L1 स्थिति ग्रहण के बिना सूर्य के निरंतर जायजा लेने की अनुमति देती है.

    आदित्य एल1 मिशन कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई), प्री-फ्लेयर और फ्लेयर गतिविधियों सहित सौर घटनाओं में अहम अंदरूनी नज़र फराहम करना चाहता है.

  • यहां देखें लाइव-

    इसरो की वेबसाइट- https://isro.gov.in 
    फेसबुक- https://facebook.com/ISRO
    यूट्यूब- https://youtube.com/watch?v=_IcgGYZTXQw
    इसके अलावा डीडी नेशनल टीवी चैनल पर

    इसरो ने आदित्य एल-1 को लाइव दिखाने के लिए विंडो व्यू सीट बुक करने का ऑपशन दिया था. लेकिन ये सीटें कुछ वक्त बात ही भर गई.

  • पृथ्वी के करीब चार बार काटेगा चक्कर

    शनिवार को ISRO सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा से मिशन आदित्य-L1 को लॉन्च करेगा. सूरज के करीब पहुंचने से पहले स्पेसक्राफ्ट आदित्य-L1 पृथ्वी की कक्षा में चार बार चक्कर काटेगा. यहां इसकी रफ्तार को लगातार बढ़ाया जाएगा. इसके बाद ये धरती से दूर उस जगह पहुंचेगा जहां धरती की तरह ना दिन होता है ना रात.

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