Live Breaking: लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर नियुक्त
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नवीनतम अद्यतन
भारत सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के तौर पर नियुक्त किया है, जो भारत सरकार, सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी काम करेंगे.
केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके सहयोगी संगठनों पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. इसको लेकर देश के कुछ मुस्लिम संगठनों और उनके नेताओं ने बैन को सही बताते हुए इसका समर्थन किया है. पीएफआई और इसके सहयोगी संगठनो व संबद्ध संस्थाओं पर लगे प्रतिबंध पर ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउन्सिल के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है. अजमेर सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के वंशज एवं वंशानुगत सज्जादानशीन दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खां ने एक बयान जारी कर कहा कि पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर लगे प्रतिबंध का स्वागत करता हूं.
उधर पीएफआई और इसके सहयोगी संगठनो व संबद्ध संस्थाओं पर लगे प्रतिबंध पर AIMIM के चीफ असदुद्दीन उवैसी ने कहा है कि PFI से विचारधारा नहीं मिलती लेकिन उस पर बैन के खिलाफ हूं.
एकता और उनकी मां के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
फिल्म और सीरियल निर्माता एकता कपूर के खिलाफ सैनिको के अपमान से जुड़े एक मामले में गिरफ्तारी वारं जारी कर दिया है. ये वारंट बिहार के बेगूसराय न्यायालय की ओर से जारी किया गया है. दरअसल, वेब सीरीज ‘ट्रिपल एक्स’(XXX) में सैनिकों के अपमान के मामले में पिछले साल भूतपूर्व सैनिक संघ के जिला अध्यक्ष शंभू कुमार ने न्यायालय में मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद से एकता कपूर की वेब सीरीज़ ‘ट्रिपल एक्स’ सीज़न काफी लंबे वक्त से विवादों में है जिसके चलते पिछले साल ही दोनों मां बेटी को समन भएज दिया गया. ये वेब सीरीज साल 2020 के जून महीने में रिलीज़ की गई थी.
PFI बैन पर अजमेर का बयान
mer Sharif on PFI Ban: गृह मंत्रालय ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. PFI पर 5 साल का बैन लगा दिया गया है. पीएफआई पर लगे बैन के बाद दरगाह अजमेर शरीफ से बयान आया है. इस बयान में PFI पर लगे बैन का स्वागत किया गया है. अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा है कि "यह कार्रवाई कानून के मुताबिक और आतंकवाद रोकने के लिए की गई है. सभी को इसका स्वागत करना चाहिए."
इसलिए लगा PFI पर बैन
1. गुप्त एजेंडे के तहत समाज के एक वर्ग विशेष को कट्टर बनाकर लोकतंत्र की अवधारणा को कमजोर करने की दिशा में कार्य करना तथा देश के संवैधानिक प्राधिकार और संवैधानिक ढांचे के प्रति घोर अनादर प्रदर्शित करना.
2. देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ माहौल तैयार करना. इससे देश की शांति और सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल खराब होने की आशंका है.
3. संगठन के कार्यकलापों से देश में उग्रवाद को प्रोत्साहन मिलने की आशंका.
4. पीएफआई के संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता रहे हैं और पीएफआई का संबंध बांग्लादेश के जमात-उल-मुजाहिद्दीन (जेएमबी) से भी रहा है. ये दोनों संगठन प्रतिबंधित हैं.
5. चोरी-छिपे देश में असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देकर एक समुदाय के कट्टरपंथ को बढ़ाने के लिए काम करना. इससे भय और दहशत का माहौल बनने की संभावना है.
6. विदेशी स्रोतों जैसे बैंकिंग चैनल, हवाला और दान से धन प्राप्त करना और इसे गैरकानूनी गतिविधियों और आतंकी कामों में लगाना. इसी के चलते पीएफआई देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है.
7. पीएफआई और इसके सदस्यों का बार-बार हिंसक और विध्वंसक कार्यों में संलिप्त रहना. इसमें एक कॉलेज प्रोफेसर का हाथ काटना, अन्य धर्मों का पालन करने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की निर्मम हत्या करना शामिल है.
8. देश के प्रमुख लोगों और स्थानों को निशाना बनाने के लिए विस्फोटक प्राप्त करना, सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाना.
9. वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सम्पर्क रखने के उदाहरण जैसे इसके कुछ सदस्य आईएसआईएस में शामिल हुए हैं और सीरिया, ईराक और अफगानिस्तान में आतंकी कार्यकलापों में भाग लिया हैं. इनमें से कुछ सदस्य इन संघर्ष क्षेत्रों में मारे गए और कुछ को राज्य पुलिस तथा केंद्रीय एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है.
10. उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात राज्य सरकारों ने पीएफआई को प्रतिबंधित करने की अनुशंसा की है.PFI बैन पर CM योगी ने क्या कहा?
PFI के बैन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि "राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके अनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य है. यह 'नया भारत' है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं."
PFI पर बैन
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर भारत सरकार ने 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के PFI पर छापा मारे जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है. PFI के सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगा दिया गया है. गृह मंत्रालय से जारी एक लेटर में कहा गया है कि "ये संगठन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर PFI की मदद करते थे. इसमें से कई संगठन ऐसे हैं जोकि फंडिंग किया करते हैं." PFI के सहयोगी संगठन "रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट को भी बैन कर दिया गया है.