6 साल बाद फिर से NDA के हुए चंद्र बाबू नायडू, TDP-BJP के बीच डील हुई पक्की
Lok Sabha Election 2024: बीजेपी ने दक्षिण भारत में एक नए सहयोगी के साथ डील पक्की कर ली है. उन्होंने आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्र बाबू नायडू की नेतृत्व वाली तेलगु देशम पार्टी (TDP) के साथ हाथ मिलाया है.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी अपने कुनबे को बढ़ाने में लगे हुए हैं. बीजेपी ने दक्षिण भारत में एक नए सहयोगी के साथ डील पक्की कर ली है.आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्र बाबू नायडू की नेतृत्व वाली तेलगु देशम पार्टी (TDP) के साथ बीजेपी ने हाथ मिलाया है. बीजेपी के नेशनल प्रसिडेंट जेपी नड्डा ने ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा कि भाजपा, टीडीपी और जनसेना लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगे.
वहीं, एन चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि गठबंधन लोकसभा और विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करेगा. अभिनेता पवन कल्याण की अगुआई वाली जन सेना पार्टी (जेएसपी) भी इस गठबंध का हिस्सा हैं. इससे पहले तीनों दलों के बीच दिल्ली में एक अहम बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद गठबंधन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, टीडीपी नेता नायडू व कल्याण ने औपचारिक घोषणा की.
तीनों दलों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी के "गतिशील और दूरदर्शी" नेतृत्व के तहत, उन्होंने लोकसभा और आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने का फैसला किया है. तीनों दलों ने संयुक्त बयान में कहा, "हमें उम्मीद है कि गठबंधन आंध्र प्रदेश के लोगों के पूरे समर्थन के साथ उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा."
इतनी सीटों पर लड़ सकती टीडीपी
बयान में कहा गया है कि राज्य की 25 लोकसभा और 175 विधानसभा सीटों के लिए सीट-बंटवारे को लेकर बातचीत जारी है, एक या दो दिन के अंदर सीट फाइन हो जाएगी कि कौन पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी. सूत्रों के मुताबिक 25 लोकसभा सीटों में से टीडीपी 17 पर चुनाव लड़ सकती है. जबकि भाजपा और जेएसपी आठ लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे. इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि 145 विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतार सकती है.
नायडू ने इस वजह से NDA से तोड़ा था नाता
दो बार के पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने के बाद विश्वास जाता कि अल्पसंख्यकों समेत समाज के सभी वर्ग गठबंधन को वोट करेंगे. बता दें कि साल 2018 में टीडीपी ने केंद्र सरकार के दक्षिणी राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने की मांग पूरी नहीं करने की वजह से एनडीए से नाता तोड़ लिया था.