Lok Sabha Elections 2024 Date: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने 16 मार्च को 3 बजे करेगा. चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद नतीजों की घोषणा होने तक पूरे देश में आदर्श आचार संहिता ( Model Code of Conduct )  लागू रहेगी. इससे सरकार के सामान्य कामकाज में अहम बदलाव आएगा. 


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स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करवाने के लिए भारतीय चुनाव आयोग वाटिंग की तारीखों के दिन से ही संवैधानिक अधिकार के तहत आदर्श आचार संहिता लागू करती है, जो राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए एक मानदंड ( Criteria ) स्थापित करती है.  इसका मकसद सभी सियासी पर्टियों को "समान अवसर" प्रदान करना है. आइए जानते हैं आचार संहिता लागू होने के बाद क्या-क्या बदलेगा? 


1.. चुनाव आयोग के मुताबिक चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद मंत्रियों और दूसरे अफसरों को किसी भी वित्तीय अनुदान की घोषणा करने या उसके वादे करने पर पूरी तरह से रोक रहेगा. 


2. लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सिविल सेवकों को छोड़कर मंत्रियों और नेताओं को शिलान्यास करने या किसी भी प्रकार की परियोजनाओं या योजनाओं को शुरू करने पर भी प्रतिबंध रहता है.


3. वोटिंग से लेकर मतों की गिनती होने के दौरन सड़कों के निर्माण, पेयजल सुविधाओं के प्रावधान जैसे वादों की इजाजत नहीं है.


4. सरकारी या पब्लिक उपक्रमों में तदर्थ नियुक्तिया जो सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में वोटरों को प्रभावित कर सकती हैं, निषिद्ध हैं.


5.विवेकाधीन फंड
लोकसभा चुनाव प्रोग्राम की घोषणा होने के बाद मंत्री और दूसरे अफसर विवेकाधीन निधि से अनुदान या भुगतान को मंजूरी नहीं दे सकते हैं.


6.सरकारी संसाधनों का उपयोग
ईसीआई दिशानिर्देश के मुताबिक आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद, आधिकारिक दौरों को इलेक्शन कैंपेन काम के साथ नहीं जोड़ा जाएगा, और चुनाव प्रचार के लिए आधिकारिक मशीनरी या कर्मियों का उपयोग सख्ती से प्रतिबंधित है


• चुनाव के दौरान सरकारी विमान, वाहन, मशीनरी और कर्मियों सहित सरकारी ट्रान्सपोर्ट का उपयोग सत्तारूढ़ पार्टियों के कामों में नहीं किया जा सकता है.
• चुनावी बैठकें आयोजित करने के लिए मैदान और हवाई उड़ानों के लिए हेलीपैड जैसे सार्वजनिक जगह समान नियमों और शर्तों पर सभी पार्टियों और कैंडिडेट्स के लिए मुहैया कराई जाएगी.


7.आवास एवं प्रमोशन
• ECI का कहना है कि सरकारी रेस्ट हाउस, डाक बंगलों या दूसरी सरकारी आवासों पर सत्तारूढ़ पार्टी या उसके कैंडिडेट्स का एकाधिकार नहीं होना चाहिए.


8.पक्षपातपूर्ण कवरेज से बचाव
• भारतीय चुनाव आयोग चुनाव अवधि के दौरान न्यूज और अन्य मीडिया में सरकारी खजाने की कीमत पर Advertisement जारी करने पर रोक लगाता है. एमसीसी दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सत्तारूढ़ पार्टी के सपोर्ट में उपलब्धियों के बारे में सियासी खबरों और प्रचार के पक्षपातपूर्ण कवरेज के लिए आधिकारिक जन मीडिया के दुरुपयोग से सख्ती से बचा जाना चाहिए.


9. अगर कोई पार्टी या कैंडिडेट एमसीसी का उल्लंघन करता है तो क्या होगा?
MCC के पास स्वयं कानूनी प्रवर्तनीयता नहीं है. फिर भी, इसके भीतर के खास प्रोविजंस को दूसरे क़ानूनों में संबंधित खंडों के जरिए से लागू किया जा सकता है, जिनमें 1860 का IPC, 1973 का आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1951 का लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम शामिल है.


इसके अलावा, ईसीआई के पास 1968 के चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश के पैराग्राफ 16A के तहत किसी पार्टी की मान्यता को बैन करने या वापस लेने का हक है.