2024 चुनाव से पहले NDA में शामिल हो सकती हैं 50 छोटी पार्टियां ; `INDIA` से मुक़ाबले के लिये BJP का नया प्लान
BJP News: बीजेपी पार्टी के नेताओं का दावा है कि विपक्षी गठबंधन से बीजेपी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि पार्टी ने कई साल पहले ही हर चुनाव में 50 फीसद वोट पाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया था.
Loksabha Election 2024: बीजेपी के एक सीनियर नेता ने बताया कि भाजपा कई क्षेत्रीय दलों के साथ बातचीत कर रही है जो एनडीए में शामिल होने के इच्छुक हैं, और आने वाले दिनों में पॉज़िटिव नतीजे सामने आने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि अभी बातचीत शुरुआती दौर में है. इसके अलावा कुछ इलाकाई पार्टियों ने खुद ही एनडीए में शामिल होने के लिए बीजेपी आलाकमान से संपर्क किया है. उन्होंने कहा कि इनके बारे में पार्टी नेतृत्व ने राज्य इकाइयों से फीडबैक मांगा है और पार्टी के अंदर इस पर चर्चा होने के बाद कोई फैसला लिया जाएगा.
"NDA में शमिल हो सकती हैं 50 छोटी पार्टियां"
एक अन्य सीनियर लीडर, जो इलेक्शन कैंपेन के लिए पार्टी प्रभारियों में से हैं, ने दावा किया कि यह हैरत की बात नहीं होगी अगर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में पार्टियों की तादाद 50 तक पहुंच जाए. अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में देश में एनडीए के बैनर तले गठबंधन की सियासत के नए दौर की शुरूआत हुए 25 साल पूरे हो चुके हैं. एनडीए की यात्रा के 25 साल पूरे होने पर बीते दिनों पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली के एक होटल में एनडीए की मीटिंग हुई थी. इस बैठक में शामिल होने वाले एनडीए के 39 घटक दलों ने प्रस्ताव पर मुहर लगाकर 2024 में पीएम मोदी को तीसरी बार पीएम की कुर्सी पर विराजमान करने का संकल्प लिया.
"बीजेपी अपनी ताकत दिखा चुकी है''
मीटिंग को लेकर बीजेपी ने एक बयान जारी करते हुए दावा किया कि 18 जुलाई की मीटिंग में 39 घटक दल शामिल हुए. हालांकि, देश की कई रियासतों में चल रही एनडीए सरकारों के साथ जुड़े राजनीतिक दलों की तादाद को जोड़ा जाए तो सहयोगियों की कुल तादाद 42 के आसपास पहुंचने की उम्मीद है. वहीं, दूसरी ओर अपोजिशन खेमे से डेढ़ गुना अधिक पार्टियों के साथ गठबंधन करने के बावजूद, बीजेपी अभी भी उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्यों में अधिक दलों को एनडीए में जोड़ने के लिए मुहिम चला रही है. कांग्रेस समेत तमाम अपोजिशन पार्टियों के लीडर दावा कर रहे हैं कि विपक्षी एकजुटता के मद्देनजर बीजेपी ने एनडीए की मीटिंग बुलाई है. हालांकि, इस मामले में बीजेपी का कहना है कि पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव-राहुल गांधी और अखिलेश-मायावती गठबंधन को काफी वोटों से शिकस्त देकर अपनी ताकत साबित कर दी है.
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