नई दिल्लीः भारतीय फार्मा कंपनी ल्यूपिन ने डर्मेटाइटिस, एग्जिमा और सोराइसिस जैसी त्वचा रोगों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एक क्रीम की 5,720 ट्यूब अमेरिकी बाजार से वापस मंगवाने की घोषणा की है. यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, इस दवा में मैन्युफैक्चरिंग इश्यू हैं. अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक की नवीनतम प्रवर्तन रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई स्थित दवा निर्माता कंपनी ल्यूपिन फार्मास्यूटिकल्स इंक, क्लोबेटासोल प्रोपियोनेट क्रीम को वापस बुला रही है, जो त्वचा की सूजन, लालिमा और खुजली को कम करने और आगे बढ़ने से रोकने के लिए एक स्टेरॉयड के तौर पर इस्तेमाल की जाती है. 


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प्रभावित लॉट को कंपनी के मध्य प्रदेश में पीथमपुर संयंत्र में निर्मित किया गया है, और बाल्टीमोर स्थित ल्यूपिन फार्मास्युटिकल्स इंक द्वारा अमेरिकी बाजार में विपणन किया गया था. यूएसएफडीए ने कहा कि कंपनी “सबपोटेंट ड्रगः लॉन्ग टर्म स्टेबिलिटी टेस्टिंग के दौरान देखे गए कम नतीजों के कारण प्रभावित लॉट को वापस बुला रही है. कंपनी ने इस साल 23 जनवरी को क्लास -3 राष्ट्रव्यापी (यूएस) प्रभावित लोगों को वापस बुलाने की शुरुआत की है. 


यूएसएफडीए के मुताबिक, क्लास-3 रिकॉल की शुरुआत ऐसी स्थिति में की जाती है, जिसमें किसी उल्लंघनकारी उत्पाद के उपयोग या उसके संपर्क में आने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना होती है.’’ अमेरिकी जेनेरिक दवा बाजार 2019 में लगभग 115.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान लगाया गया था. यह दवा उत्पादों का सबसे बड़ा बाजार है.


गौरतलब है कि इससे पहले दक्षिण अफ्रिकी देश जाम्बिया और तुर्केमिनिस्तान भी भी भारतीय फार्मा कंपनी के कफ सिरप को पं्रतिबंधित कर कर दिया गया था. दो कंपनियों के कफ सिरप पीने से यहां दोनों देशामें 100 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी. 


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