मध्यप्रदेश में छात्रों को `कुत्तों की तरह’ बताने पर पद से हटाए गए झाबुआ के SP
Madhya Pradesh Jhabua SP sacked for abusive language: यह मामला मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले का है, जहां एसपी अरविंद तिवारी ने फोन कर मदद मांगने वाले छात्रों को मदद करने के बजाए गालियां, जिसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया है.
भोपाल/झाबुआः मध्यप्रदेश में पॉलिटेक्निक छात्रों के साथ कथित तौर पर अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में झाबुआ जिले के पुलिस अधीक्षक अरविंद तिवारी को सोमवार को पद से हटा दिया गया है. एसपी के इस दुर्व्यवहार से जुड़े एक कथित ऑडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया है.
मुख्यमंत्री ने तत्काल एसपी को हटाने का दिया आदेश
‘मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश’ के ट्विटर हैंडल पर शिवराज चौहान का सोमवार को एक वीडियो जारी किया गया था. इसमें वह प्रदेश के अफसरों को यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, ‘‘झाबुआ पुलिस अधीक्षक को आप तत्काल हटाइये. वह जिस भाषा में बात कर रहे हैं, वह बहुत ही अशोभनीय है. पॉलिटेक्निक छात्रों के साथ इस भाषा में ऐसे कोई कैसे बात कर सकता है? अभी इसी क्षण तुरंत उन्हें हटा दें.’’ मुख्यमंत्री ने इस घटना के संबंधित विस्तृत जांच कर जल्द रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए हैं. मुख्यमंत्री के आदेश के कुछ ही मिनटों बाद मध्यप्रदेश के गृह विभाग ने आदेश जारी कर झाबुआ पुलिस अधीक्षक का तबादला कर पुलिस मुख्यालय भोपाल में सहायक पुलिस महानिरीक्षक के रूप में कर दिया. इसकी तस्दीक प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी की है.
क्या है मामला
झाबुआ में कॉलेज की जमीन पर अतिक्रमण को लेकर ग्रामीणों और छात्रों में विवाद हुआ था. मामला स्थानीय थाने में हल न होने पर एक पक्ष ने फोन कर पुलिस अधीक्षक से संरक्षण मांगा था और अपने आप को खतरा भी बताया था. लेकिन एसपी ने छात्रों के साथ फोन पर ही गाली गलौज की. इस दौरान एसपी की बातों को छात्रों ने रेकॉर्ड कर लिया था. वह ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद सीएम ने कार्रवाई के निर्देश दिए.
क्या कहा था एसपी ने ?
वहीं, वायरल ऑडियो क्लिप के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने बताया कि कल रात झाबुआ पोलिटेक्निक कॉलेज के दो समूह में झगड़ा हुआ होगा, क्योंकि मुझे उन्होंने फोन लगाया था. तिवारी ने कहा कि उन्होंने कहा, ‘‘तुम लोग कॉलेज पढ़ने आए हो या कुत्तों की तरह लड़ने आए हो, दोनों को अंदर कर देंगे.’’ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि उन्होंने उनके इन शब्दों को पकड़ लिया और इन्हें अभद्र भाषा बताया.
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