इंदौरः मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से एक बहुत ही हैरान करने वाली खबर आई है, जिसने हिंदी भाषा को लेकर छात्रों के अंदर बैठे एहसास-ए-कमतरी को उजागर किया है. खास तौर पर यह मामला तब सामने आया है कि जब मध्य प्रदेश की सरकार ने हाल ही हिंदी मीडियम से मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने योजना को न सिर्फ पेश किया है बल्कि कुछ कॉलेजों में लागू भी कर दिया है.
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में धाराप्रवाह अंग्रेजी नहीं बोल पाने से परेशान 17 वर्षीय एक लड़की ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. एक अफसर ने बताया कि घटना शुक्रवार देर रात न्यू गौरीनगर कॉलोनी में हुई थी. यहां शैल कुमारी नामक नाबालिग लड़की ने शुक्रवार देर रात अपने कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. हीरा नगर थाना प्रभारी दिलीप पुरी ने बताया कि पीड़िता की बहन और मां के कहने पर वह एयर होस्टेस बनने की कोचिंग ले रही थी, लेकिन अंग्रेजी में कमजोर होने की वजह से वह अंग्रेजी की अलग से ट्यूशन क्लास ले रही थी. परिवार के लोगों ने दावा किया है कि लड़की के दोस्तों की अंग्रेजी अच्छी होने और उसकी अंग्रेजी कमजोर होने की वजह से वह अवसाद में रहने लगी थी और शुक्रवार को उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. अफसर ने बताया कि आत्महत्या का मामला दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हालांकि, इस मामले के सामने आने के बाद लोग लड़की के घर वालों पर ही सवाल उठा रहे हैं. लोग पूछ रहे हैं कि जब लड़की को अंग्रेजी नहीं आती थी, तो जबरन उसे ऐयर होस्टेस की पढ़ाई करने के लिए क्यों भेजा था ?


इसके साथ ही लोग सवाल कर रहे हैं कि जब लड़की अपने दोस्तों की अंग्रेजी देखकर अवसाद में थी और घर वालों को इस बारें में पता था तो फिर उसका इलाज क्यों नहीं कराया था ? 
गौरतलब है कि अभी कुछ माह पहले ही मध्य प्रदेश सरकार ने हिंदी माध्यम से एमबीबीएस और बीटेक की पढ़ाई शुरू की है. सरकार ने कहा है कि इससे हिंदी माध्यम के छोत्रों को फायदा होगा और वह भाषा की बाध्यता के कारण मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं छोड़ेंगे. 


Zee Salaam