असम में मदरसा शिक्षकों को नियमित तौर पर नजदीकी थाने में लगानी होगी हाजिरी
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि वह मदरसों में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों को रोकने के लिए कदम उठा रहे हैं. इसके तहत राज्य में बाहर से आने वाले मदरसा शिक्षकों को नजदीकी थाने में हाजिरी लगानी होगी.
गुवाहाटीः असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने इतवार को कहा है कि मदरसों में अच्छा माहौल बनाने के लिए असम पुलिस शिक्षा के प्रति सकारात्मक रुख रखने वाले कुछ बंगाली मुस्लिमों के साथ भी समन्वय कर रही है. शर्मा ने कहा कि मदरसों में विज्ञान और गणित की तालीम भी छात्रों को दी जाएगी. शिक्षा के अधिकार का पूरा सम्मान किया जाएगा और मदरसा शिक्षकों का एक डेटाबेस रखा जाएगा. इसके अलावा, मदरसों में पढ़ाने के लिए असम के बाहर से आने वाले सभी शिक्षकों को नियमित अंतराल पर नजदीकी पुलिस थानों में हाजिरी लगानी होगी.
मुस्लिम को दुश्मन मानने के बजाय...
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पुलिस महानिदेशक बी जे महंत के निर्देश के तहत पुलिस मदरसा शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए मुस्लिम समुदाय के साथ काम कर रही है. बंगाली मुस्लिम को दुश्मन मानने के बजाय हम उन्हें हितधारक बना रहे हैं.’’ राज्य के गृह विभाग का भी प्रभार संभाल रहे शर्मा ने कहा कि कुछ जिलों में ऐसे कई इलाके हैं, जहां सिर्फ बंगाली मुस्लिम हैं और उन्हें हितधारक
आतंकी गतिविधियों के आरोप में पकड़े गए हैं कई मदरसा शिक्षक
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि राज्य पुलिस इस्लामी धर्मगुरुओं की जिहादी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के बाद मदरसा शिक्षा में सुधार के लिए ये कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस ने 2022 के दौरान आतंकी संगठन अंसारूल बांग्ला टीम और ‘अल कायदा इन इंडियन सबकॉंटीनेंट’ (एक्यूआईएस) के आठ मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था और इस सिलसिले में 51 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. इस मामले में कुछ निजी मदरसों से संचालित हो रहे नौ बांग्लादेशियों की सीधी संलिप्तता का भी पता चला है. इसके अलावा शर्मा ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार से समझौते के बाद विभिन्न संगठनों के 7,229 कैडर के आत्मसमर्पण करने के साथ 2022 में राज्य में जनजातीय उग्रवाद का अंत भी देखने को मिला है.
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