पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को जमानत नहीं मिली जमानत, भ्रष्टाचार के मामले हैं आरोपी
भ्रष्टचार मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री को अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दिया है. CBI की विशेष अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी. उन्हें दो नवंबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था.
मुंबई की एक विशेष अदालत ने कथित भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) मामले में जांच कर रहा है. देशमुख (71) ने बॉम्बे उच्च न्यायालय द्वारा धनशोधन मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्रवर्तन निदेशालय के मामले में चार अक्टूबर को जमानत दिये जाने के बाद इस मामले में भी जमानत याचिका दाखिल की थी.
CBI की विशेष अदालत के न्यायाधीश एस. एच. ग्वालानी ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उनकी याचिका खारिज कर दी. अदालत का विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं हो सका है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता को 2021 में दो नवंबर को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में हैं. उन्हें पिछले हफ्ते कोरोनरी एंजियोग्राफी के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
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मार्च 2021 में, वरिष्ठ IPS अधिकारी परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को मुंबई में रेस्तरां और बार से प्रतिमाह 100 करोड़ रुपये उगाही करने का लक्ष्य दिया था. मार्च 2021 में 'एंटीलिया' विस्फोटक सामग्री मामले में गिरफ्तार पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे ने भी उन पर इसी तरह के आरोप लगाए थे. उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2021 में CBI को प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था. इस जांच के आधार पर CBI ने देशमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और आधिकारिक शक्ति के दुरुपयोग के लिए प्राथमिकी (FIR) दर्ज की थी. मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सिंह द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की CBI जांच के उच्च न्यायालय के आदेश के बाद देशमुख ने अप्रैल 2021 में गृहमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.
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