Maharashtra News: महाराष्ट्र में कांग्रेस ने राहत की सांस ली है. क्योंकि, महाराष्ट्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एम आरिफ नसीम खान ने आज यानी 6 मई को अपना इस्तीफा वापस ले लिया है. अब वह लोकसभा इलेक्शन में सभी महा विकास अघाड़ी गठबंधनों के कैंडिडेट्स के लिए चुनाव प्रचार करेंगे. एक प्रमुख मुस्लिम लीडर और पूर्व मंत्री खान ने AICC महासचिव रमेश चेन्निथला, राज्य के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे और दूसरे सीनियर नेताओं की मौजूदगी में यह आधिकारिक ऐलान किया है.


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एम आरिफ नसीम खान ने क्या कहा?
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट में 4 मई को दावा किया था कि एम आरिफ नसीम खान का नाम 20 मई को लोकसभा इलेक्शन के पांचवें फेज के लिए स्टार प्रचारक के रूप में शामिल किया गया है और सूबे में सभी इंडिया गठबंधन के कैंडिडेट्स के लिए चुनाव प्रचार करेंगे. वहीं, खान ने ऐलान करते हुए कहा, ''मैं किसी पोस्ट के लिए लालायित नहीं हूं. मैंने केवल मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को उजागर करना चाहा था. पार्टी के सीनियर्स लीडर ने मेरे साथ मामलों पर चर्चा की है और मैं कांग्रेस अभियान समिति से अपना इस्तीफा वापस लेता हूं.''


क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि 26 अप्रैल को एम आरिफ नसीम खान ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. जिससे कांग्रेस और इंडिया सहयोगी परेशान हो गए थे. उन्होंने सार्वजनिक रूप से सवाल उठाया था कि विपक्षी गठबंधन ने पहली बार राज्य के 48 लोकसभा सीटों में से किसी भी सीट पर मुस्लिम कैंडिडेट क्यों नहीं उतारा. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि अल्पसंख्यक समुदाय परेशान है और पूछ रहा है कि "क्या कांग्रेस सिर्फ मुस्लिम वोट चाहती है, लेकिन मुस्लिम नेता नहीं", जिससे विपक्षी उम्मीदवारों के लिए अल्पसंख्यक वोटों के नुकसान की आशंका पैदा हो गई।


सभी उम्मीदवारों का करेंगे प्रचार
वहीं, आज यानी 6 मई को खान ने दोहराया कि पार्टी के साथ वह मुंबई उत्तर मध्य की कैंडिडेट प्रोफेसर वर्षा गायकवाड़ और सूबे में दूसरे एमवीए कैंडिडेट्स के लिए मजबूती से प्रचार करेंगे. दिलचस्प बात यह है कि वंचित बहुजन अघाड़ी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल को छोड़कर राज्य में सत्तारूढ़ महायुति या विपक्षी एमवीए सहित किसी भी दूसरे मुख्यधारा की पार्टियों ने राज्य में मुस्लिम, ईसाई, सिख जैसे अन्य अल्पसंख्यक समुदायों से कोई कैंडिडेट 2024 के लोकसभा इलेक्शन के लिए नहीं खड़ा किया है. हालांकि 2014 और 2019 में कांग्रेस ने अकोला लोकसभा सीट से सिर्फ मुस्लिम हिदायतुल्ला बरकतुल्लाह पटेल को मैदान में उतारा था, जिन्हें दोनों बार बीजेपी के संजय धोत्रे ने हराया था.