Maharashtra Political Crisis: NCP की लड़ाई कटप्पा और बाहुबली पर आई, कपिल सिब्बल ने कह दी ये बड़ी बात
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में एनसीपी में बहुत बड़ी टुट हुई. अजित पवार समेत 8 विधायकों ने शिंदे सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ली. इसके बाद अजित पवार ने पार्टी पर अपना दावा कर दिया.
Maharashtra Political Crisis: पूर्व कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि "महाराष्ट्र में एनसीपी के शरद पवार और अजीत पवार के बीच विभाजन के रूप में जो कुछ भी हुआ. ऐसा लगता है कि कानून ने इसकी अनुमति दी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कहा कि "यह लोकतंत्र नहीं है. यह एक तमाशा है और कानून इसकी इजाजत देता है."
कपिल सिब्बल ने अपने ट्वीट में लिखा कि "यह सत्ता की रोटियों के बारे में है. लोगों के बारे में नहीं."
आपको बता दें कि 2 जुलाई को अजीत पवार ने 24 साल पुरानी पार्टी से अलग होकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. जिसे उनके चाचा शरद पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होकर पार्टी बनाई थी.
अजित पवार ने दावा किया कि उनके शक्ति प्रदर्शन की संख्या शरद पवार से अधिक है और उन्हें अधिकांश विधायकों का समर्थन प्राप्त है. इससे बेफिक्र शरद पवार ने गुरुवार को नई दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है.
आपको बता दें कि शरद पवार ने अजित पवार को चेतावनी देते हुए कहा कि बीजेपी के साथ गठबंधन करने वाली हर पार्टी बर्बाद हो गई. उन्होंने यह भी पूछा कि अजित पवार का गुट शरद पवार की तस्वीर का इस्तेमाल क्यों कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी और शिवसेना (UTB) का हिंदुत्व अलग-अलग है.
जानकारी के लिए बता दें कि गुरूवार को नई दिल्ली में शरद पवार की बैठक से पहले एनसीपी के छात्र संघ ने बाहुबली का पोस्टर लगाया है. कटप्पा बाहुबली की पीठ में छुरा घोंप रहा है. इस पोस्टर में दिखाया गया है.
शरद पवार पर किया कटाक्ष
अजित पवार ने चाचा शरद पवार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 83 साल की उम्र में उन्हें अब युवा नेतृत्व को अपना आशीर्वाद देना चाहिए. अजित पवार ने महाराष्ट्र में एनसीपी का मुख्यमंत्री नहीं मिलने के लिए भी शरद पवार को जिम्मेदार ठहराया. 2004 में एनसीपी के पास कांग्रेस से ज्यादा विधायक थे. अनिल देशमुख ने कहा कि "उम्र सिर्फ एक संख्या है और 83 साल की उम्र में शरद पवार जीवित और दहाड़ने वाले शेर हैं."
असली एनसीपी कौन है?
हालांकि यह एक अनसुलझा सवाल बना हुआ है. अजित पवार पहले ही एनसीपी के चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए चुनाव आयोग से संपर्क कर चुके हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि 30 जून को शरद पवार की जगह उन्हें पार्टी अध्यक्ष चुना गया था.
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