रिजॉर्ट पॉलिटिक्स से उद्धव ठाकरे के इस्तीफे तक: महाराष्ट्र का सियासी संकट 10 प्वाइंट्स में
Maharashtra Update: 21 जून को शुरू हुई महाराष्ट्र की राजनीतिक उठा-पटक अब खत्म होने के करीब है. बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे गुरुवार को करीब दस दिन बाद मुंबई वापस आ चकु हैं. इसके बाद उन्होंने बीजेपी नेता नेवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की.
Maharashtra political crisis: महाराष्ट्र में करीब दस तक चले सियासी दांव-पेंच के बाद अब खबर आ रही है कि शिव सेना बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के अगले सीएम होंगे और वह बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं. इसका ऐलान खुद बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने किया है. तो आइए यहां जानते हैं कि पिछले 10 दिन में महाराष्ट्र की सियासी में कैसे उतार-चढ़ाव देखे गए.
1. महाराष्ट्र का सियासी संकट 21 जून को विधान परिषद चुनाव में संदिग्ध क्रॉस वोटिंग के बाद शुरू हुआ. इसके तुरंत बाद, राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे ने शिवसेना विधायकों की तत्काल बैठक बुलाई. बैठक में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और 11 विधायक लापता थे. इसके बाद एक सप्ताह तक रिसॉर्ट राजनीति का दौर चला. लापता शिवसेना नेताओं को सूरत, गुवाहाटी और गोवा के लग्जरी होटलों में डेरा डाले रहे.
2. इसके दो दिन बाद यानी 23 जून को, सीएम ठाकरे ने बागी विधायकों के नाम एक संदेश जारी किया. उन्होंने वह मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के लिए तैयार हैं. लेकिन उनके विधायकों को उनसे आकर बात करनी चाहिए. अगल सीएम भी शिवसेना का ही होने चाहिए. उन्होंने ये भी कहा था कि वह पार्टी के लिए सीएम और पार्टी चीफ दोनों पोस्ट छोड़ने के लिए तैयार है.
3. जैसे ही शिवसेना के अधिक विधायक शिंदे गुट में शामिल हुए, इसके बाद ही इस गुट ने खुद को 'शिवसेना बालासाहेब' के तौर पर मुतारफ कराया. इसके बाद शिंदे ने महाराष्ट्र में बहुमत परीक्षण की मांग करते हुए आरोप लगाया कि एमवीए गठबंधन अब बहुमत में नहीं है. बागी विधायकों ने ठाकरे के इस्तीफे की मांग की.
4. इस दौरान, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने तीनों एमवीए गठबंधन सहयोगियों के साथ एक बैठक बुलाई और वरिष्ठ नेताओं को आश्वस्त किया कि वे सामूहिक रूप से तूफान का सामना कर सकते हैं.
5. अपनी पार्टी पर नियंत्रण पाने के लिए, उद्धव ठाकरे ने शनिवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता की, जिसने उन्हें पार्टी से संबंधित सभी निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया. शिवसेना के अलावा किसी और को बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं करने देने और बागी विधायकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के फैसले सहित छह प्रस्ताव पारित किए गए.
6. अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में, शिवसेना के विद्रोही खेमे ने दावा किया कि वे महाराष्ट्र में हुई हिंसा को देखते हुए वहां नहीं लौटेंगे और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उनके आवास और कार्यालयों को सुरक्षा प्रदान की जाए. इस दौरान महाराष्ट्र में कुछ बागी विधायकों की संपत्तियों और कार्यालयों के खिलाफ हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आईं.
7. बढ़ती राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने 15 बागी विधायकों को केंद्रीय सुरक्षा कवर दिया.
8. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन बागी विधायकों को अंतरिम राहत दी, जिन्हें महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने विधानसभा से अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिकाओं पर नोटिस का सोमवार शाम तक जवाब देने के लिए कहा था. शीर्ष अदालत ने बागियों को जवाब भेजने के लिए 12 जुलाई तक का समय दिया।
9. बुधवार को, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को गुरुवार को सदन के पटल पर अपना बहुमत साबित करने के लिए कहा और सुबह 11 बजे राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया.
10. उद्धव ठाकरे द्वारा बुधवार शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में अपने इस्तीफे की घोषणा के कुछ मिनट बाद, शिवसेना का विद्रोही गुट भारी सुरक्षा घेरे के बीच गोवा पहुंचा.
ये वीडियो भी देखिए: VIDEO: उदयपुर हत्याकांड पर बोले CM अशोक गहलोत- ये दो धर्मों के बीच का मामला नहीं, बल्कि आतंकी घटना है