Mahbooba Mufti on Arunachal: अरुणाच प्रदेश में भारत चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिक भिड़ गए. जिसका मामला लोकसभा में उठाया गया. इस मामले पर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार पर जबानी हमला बोला है. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि "सरकार हमारे जवानों को पलटवार की इजाजत नहीं दे रही, हमारे सैनिकों को जवाब देने से रोका जा रहा है. एलएसी पर हमारे सैनिकों की पिटाई हो रही है."


अपोजिशन ने किया वाकआउट


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उधर अरुणाचल में झड़प मामले को अपोजिशन पार्टियों ने संसद में उठाया और इस पर चर्चा की मांग की. इस मुद्दे पर बातचीत की इजाजत नहीं मिलने पर कई अपोजिशन पार्टियों के मेंबर ने वॉकआउट किया. इस मामले में कांग्रेस के सदर ने कहा कि "हमने कल भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था. जो चीनी कब्जा हुआ है, उसके बारे में हम बातचीत करना चाहते हैं. हमारी कोशिश रही है कि सदन को पूरी जानकारी मिले, देश के लोगों को भी जानकारी मिले कि वहां की असल हालत किया है."


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भूपेश बघेल ने उठाया सवाल


इस मामलें में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि "सिर्फ पाकिस्तान तक ही नहीं है, अगर दूसरे देश भी ऐसा कर रहे हैं तो भारत को उन्हें लाल आंख दिखानी होगी. सरकार भी विरोध नहीं दर्ज करा पा रही है. भारतीय फौज दुनिया की सबसे बेहतरीन फौजों में से एक है और कोई भी उनकी बहादुरी पर सवाल नहीं उठा सकता है. लेकिन सियासी बातचीत भारत सरकार को ही करनी है. लेकिन सरकार चुप क्यों है?"


क्या है मामला


ख्याल रहे कि 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के दरमियान झड़प हो गई. यहां चीनी फौजी भारतीय पोस्ट को हटाने पहुंचे थे लेकिन भारत के फौजियों ने मोर्चा संभाल लिया. इसके बाद चीनी सैनिक पीछे हटे. झड़प में 6 भारतीय सैनिक घायल हुए हैं. लेकिन चीन की तरफ से कोई आंकड़ जारी नहीं किया गया है.


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