कोलकाताः मगरबी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने सोमवार को पहली बार सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी के भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर अपनी चुप्प्पी तोड़ी है. ममता ने दो टूक कहा है कि अगर कोई भी गलत काम करने का कसूरवार पाया जाता है, तो उसे सजा दी जानी चाहिए. उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले में उनके मंत्रिमंडल के मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किए जाने के बाद पहली बार यह बयान दिया है. 

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पार्टी भी अपने स्तर पर देगी सजा 
बनर्जी ने कोलकाता में राज्य सरकार के एक पुरस्कार समारोह को खिताब करते हुए उनके खिलाफ चलाए गए कथित दुर्भावनापूर्ण मुहिम के लिए विपक्ष की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि वह भ्रष्टाचार की हिमायत नहीं करती हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. ममता ने कहा कि एक समयसीमा होनी चाहिए, जिसके अंदर सच और अदालत का फैसला सामने आना चाहिए. अगर कोई कसूरवार साबित होता है तो उसे सजा दी जानी चाहिए. पार्टी भी अपने स्तर पर कार्रवाई करेगी, लेकिन, मैं अपने खिलाफ दुर्भावनापूर्ण मुहिम की आलोचना करती हूं.’’ 

अर्पिता मुखर्जी से मेरा कोई संबंध नहीं 
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने एक वीडियो शेयर की है, जिसमें बनर्जी को अर्पिता मुखर्जी से बातचीत करते हुए देखा गया है, जिसके घर से 22 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पार्टी का उससे कोई संबंध नहीं है न ही मैं उसे जानती हूं. मैं कई सार्वजनिक प्रोग्राम में जाती हूं, अगर कोई मेरे साथ तस्वीर खिंचाता है तो क्या यह मेरी गलती है?’’ भाजपा पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा कि अगर उसे लगता है कि वह केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर तृणमूल कांग्रेस को तोड़ सकती है, तो वह गलत है. यह देखना होगा कि क्या यह जांच मेरी पार्टी और मुझे बदनाम करने की साजिश है. मैं न तो भ्रष्टाचार की हिमायत करती हूं और न ही इसे बढ़ावा देती हूं. 

कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य में रिक्त शिक्षकों के पदों पर रिपोर्ट मांगी
गौरतलब है कि ईडी ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा की गई भर्तियों में अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में शनिवार को पश्चिम बंगाल के उद्योग और वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था. यह घोटाला उस समय हुआ, जब चटर्जी बंगाल के शिक्षा मंत्री थे. वहीं, कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग को राज्य में शिक्षकों के रिक्त पदों का विवरण मंगलवार तक सौंपने का निर्देश दिया है. न्यायालय में पेश की जाने वाली सूची में पांच श्रेणियों-प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, मदरसा और उच्च मदरसा में खाली पदों का अलग-अलग जिक्र करने को कहा गया है. 



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