Manipur Violence: विपक्षी गठबंधन भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A) के 16 दलों के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल हिंसा प्रभावित मणिपुर पहुंच गया है. नेता हिंसा प्रभावित राज्य में जमीनी स्थिति का आकलन करेंगे.


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20 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, फूलो देवी नेताम, के सुरेश, टीएमसी से सुष्मिता देव, आप से सुशील गुप्ता, शिवसेना (UTB) से अरविंद सावंत, डीएमके से कनिमोझी करुणानिधि, जेडीयू नेता राजीव रंजन सिंह और अनिल प्रसाद हेगड़े, संदोश कुमार (CPI), एए रहीम (CPIM), मनोज कुमार झा (RJD), जावेद अली खान (SP), महुआ माजी (JMM), पीपी मोहम्मद फैजल (NCP), ईटी मोहम्मद बशीर (IUML), एनके प्रेमचंद्रन (RSP), डी रविकुमार (UCK), थिरु थोल थिरुमावलवन (वीसीके) ) और जयंत सिंह (RLD) शामिल हैं.


अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "हम वहां राजनीतिक मुद्दे उठाने नहीं बल्कि मणिपुर के लोगों का दर्द समझने जा रहे हैं. हम सरकार से मणिपुर की स्थिति का समाधान खोजने की अपील कर रहे हैं. यह कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं है. बल्कि वहां सांप्रदायिक हिंसा है. इसका असर उसके पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ रहा है. सरकार ने इसे पूरा नहीं किया है. यह जिम्मेदारी है. हम मणिपुर में जमीनी स्तर पर वास्तविक स्थिति का आकलन करने जा रहे हैं.''


हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी डेलिगेशन
कांग्रेस सांसद नसीर हुसैन के मुताबिक, "भारतीय सांसद शनिवार सुबह दिल्ली से रवाना होंगे और दोपहर तक इंफाल पहुंचेंगे। वे राज्य के पहाड़ी इलाकों और घाटी के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे."


प्रतिनिधिमंडल रविवार को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से भी मुलाकात करेगा. हुसैन के मुताबिक, "सांसद अपने निष्कर्षों पर संसद में चर्चा करना चाहते हैं. हालांकि, अगर संसद में चर्चा की अनुमति नहीं दी गई तो सांसद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे."


आगे कांग्रेस नेता नसीर हुसैन ने कहा, "केंद्र की भाजपा सरकार संसद के मौजूदा मानसून सत्र में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं देने के लिए जिद पर अड़ी है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की और कहा, "मणिपुर में गंभीर हिंसा, महिलाओं के साथ बलात्कार और जातीय हिंसा हुआ है. लेकिन प्रधानमंत्री के पास राज्य के लिए समय नहीं है."


आपको बता दें कि विपक्ष जातीय हिंसाग्रस्त मणिपुर की स्थिति पर संसद में प्रधानमंत्री के बयान और उसके बाद इस पर पूर्ण चर्चा की मांग कर रहा है. पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर 3 मई से जातीय हिंसा जारी है. इस जातीय हिंसा में 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. 


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