Manipur Attack: मणिपुर में हालात नॉर्मल होते नहीं दिख रहे हैं. पुलिस ने जानकारी दी है कि मंगलवार को मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में औरतों के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों के एक बड़े ग्रुप ने भारतीय सेना का सामना किया और 11 उपद्रवियों को हथियारों और गोला-बारूद के साथ हिरासत में लेने के बाद जबरदस्ती रिहा करवा दिया.


मणिपुर पुलिस ने क्या कहा?


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अपने एक बयान में मणिपुर पुलिस ने कहा,"गश्त के दौरान, भारतीय सेना की महार रेजिमेंट की एक टुकड़ी ने पुलिस की वर्दी पहने हथियारबंद बदमाशों को रोका और हिरासत में लिया था. समाचार एजेंसी पीटीआई ने अज्ञात अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि सेना कुंबी इलाके में गश्त कर रही थी जब उन्होंने दो एसयूवी को रोका था.


कौनसे हथियार हुए बरामद


पीटीआई ने लिखा,"सेना के जवानों को देखकर दोनों वाहनों में सवार लोग अपने हथियार छोड़कर भाग गए." मणिपुर पुलिस ने कहा कि महार रेजिमेंट के सैनिकों ने तीन एके राइफल (7 मैगजीन और 210 गोला-बारूद), पांच इंसास (13 मैगजीन और 260 गोला-बारूद), दो एसएलआर (9 मैगजीन और 180 गोला-बारूद, दो हैंड ग्रेनेड और बुलेटप्रूफ जैकेट और अन्य सामान जब्त किए हैं) बदमाशों के पास से जब्त किए.



हालाँकि, थोड़ी देर बाद, 'मीरा पैबिस' - मैतेई महिलाओं क एक एक ग्रुप मौके पर इकट्ठा हुआ और मांग की कि हथियार उन्हें सौंप दिए जाएं. मणिपुर पुलिस ने ट्विटर पर अपने बयान में कहा,"महिलाओं के एक ग्रुप ने इकट्ठा होना शुरू कर दिया और सुरक्षा बलों की आवाजाही को रोकने के लिए सड़क को रोक दिया. सेना के जरिए हालात बिगड़ने की जानकारी मिलने पर जिला पुलिस मौके पर पहुंची. पहुंचने पर सेना के जवानों ने बताया कि उनकी कोशिशों के बावजूद आक्रामक टकराव के दौरान महिलाओं ने 11 लोगों को छुटा लिया.''


वीडियो हो रहा है वायरल


इसके साथ ही पुलिस ने कहा भीड़ को तितर बितर कर दिया गया और जरूरी कार्रवाई की जा रही है. हालांकि सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें बड़ी तादाद में महिलाओं ने रोड को ब्लॉक किया हुआ है और वह आर्मी के जवानों से उलझती हुई नजर आ रही हैं. भीड़ को हटाने के लिए आर्मी के जवान हवा में फायर कर रहे हैं.


प्रोटेस्टर्स ने क्या कहा?


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों की नेता जया खगेनबाम का कहना है कि यह स्वयंसेवकों के हथियार हैं, जो मिलिटेंट्स से हिफाजत करते हैं. उनसे हथियार छीनना हमें खतरे में डाल देता है. उन्होंने कहा, "सुरक्षा बलों को याद रखना चाहिए कि घाटी की परिधि पर स्थित गांवों की रक्षा करने में उनकी असमर्थता के कारण गांव के स्वयंसेवकों का जन्म हुआ है. अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल हालात नॉर्मल हैं, और आर्मी पर्सनल को उस जगह से हटा लिया गया है.