Manish Sisodia Bail: डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की बेल को सुप्रीम कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया है. एक्साइज पॉलिसी स्कैम में सिसोदिया जेल में हैं. 'घोटाले' में उनकी कथित भूमिका के लिए 26 फरवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें गिरफ्तार किया था. जमानत याचिकाओं पर न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने सुनवाई की, जिन्होंने मामले में सुनवाई प्रक्रिया छह से आठ महीने में समाप्त करने का निर्देश दिया है. शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि अगर मुकदमा धीमी रफ्तार से आगे बढ़ता है, तो सिसोदिया बाद के फेज में जमानत के लिए फिर से अपील कर सकते हैं.


हाई कोर्ट ने भी रिजेक्ट की थी अपील


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इससे पहले सरकार की उत्पाद शुल्क नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले में हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था. इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि कि उनके खिलाफ आरोप 'बहुत गंभीर प्रकृति के' हैं.


सिसोदिया ने क्या कहा?


सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया था. सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलील में अदालत में कहा था कि सीधे तौर पर सिसोदिया से जुड़ा कोई सबूत नहीं है, और सभी कबूत दास्तावेज प्रकृति के हैं. इसलिए उन्हें सलाखों के पीछे रखने की कोई जरूत नहीं है. इस दौरान उन्होंने दलील दी थी कि उनके (सिसोदिया) के भागने का कोई खतरा नहीं है. 


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?


फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट न कहा कि एजेंसी ने हमारे ज्यादातर सवाले को उचित जवाब नहीं दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि रुपये और पैसों के लेनदेन की कड़ियां साफ हैं. अगर तीन महीने में ट्रायल की रफ्तार धीमी रहती है तो सिसोदिया फिर जमानत अर्जी लगा सकते हैं. कोर्ट की इस बात से साफ होता है कि तीन महीनों तक जमानत के साभी रास्ते बंद रहेंगे.