नई दिल्ली: वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी ने इतवार को 'मन की बात' में कहा कि आम तौर पर ये समय त्योहारों का है. जगह-जगह मेले लगते हैं, मज़हबी पूजा-पाठ होते हैं. कोरोना के इस दौर में लोगों में उमंग और उत्साह तो है ही, मन को छू लेने वाला डिसिप्लिन भी है. कोरोना काल में संयम रखना जरूरी है. लोग सादगी त्योहार मना रहे हैं. कई जगह गणेश उत्सव ऑनलाइन मनाया गया. इकोफ्रेंडली रूप में गणेश चतुर्थी मनाई गई.


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हमारे मुल्क में लोकल खिलौनों की बहुत खुशहाल रिवायत रही है. कई शांदार और कुशल कारीगर हैं जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं. भारत के कुछ शोबे टॉय क्लस्टर्स (Toy Clusters) यानी खिलौनों के मरकज़ के तौर में भी तैयार हो रहे हैं. खिलौने जहां एक्टिविटी को बढ़ाने वाले होते हैं तो खिलौने हमारी ख्वाहिशों को भी उड़ान देते हैं. खिलौने सिर्फ मन ही नहीं बहलाते बल्कि खिलौने मन बनाते भी हैं और मकसद गढ़ने वाले भी होते हैं


ग्लोबल टॉय इंडस्ट्री 7लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा की है. इतना बड़ा कारोबार लेकिन हिंदुस्तान का उसमें हिस्सा बहुत ही कम. मैं अपने स्टार्ट अप दोस्तों, नए सनअतकारों से कहता हूं टीम अप फॉर टॉएज़-आइए मिलकर खिलौने बनाएं. अब सभी के लिए लोकल खिलौनों के लिए वोकल होने का वक्त आ गया है.


वज़ीरे आज़म ने आगे कहा कि इस जमाने में कंप्यूटर गेम्स का भी बहुत ट्रेंड है लेकिन इनमें जितने भी गेम्स होते हैं उनकी थीम्स ज्यादातर बाहर की होती हैं. हमारे मुल्क में इतने आइडियाज़ और कॉन्सेप्ट हैं, मैं मुल्क के नौजवानों से कहता हूं कि हिंदुस्तान में और हिंदुस्तान के भी गेम्स बनाइए.


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