पैगंबर साहब के खिलाफ टिप्पणी पर कई अन्य देशों ने भी जताया विरोध; विपक्ष ने सरकार को घेरा
विपक्षी दलों ने नूपुर शर्मा और वनीन जिंदल की गिरफ्तारी की मांग करते हुए विवादित बयान निंदा की और उनके निलंबन को सरकार का दिखावा करार दिया है.
नई दिल्लीः नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी का मामला अब और तमल पकड़ता जा रहा है. सत्तारूढ़ दल को जहां घरेलू स्तर पर अधिक आलोचना का सामना करना पड़ा, वहीं इसका राजनयिक असर भी होता दिख रहा है. विवादास्पद टिप्पणी को लेकर सऊदी अरब, बहरीन, इंडोनेशिया, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात व अफगानिस्तान भी कई अन्य मुस्लिम देशों के साथ एक सुर में आलोचना करते दिखे. वहीं, सोमवार को विपक्षी दलों ने सोमवार को मांग की कि पैगंबर मोहम्मद पर उनकी विवादास्पद टिप्पणी के लिए उन्हें गिरफ्तार किया जाए और भाजपा पर देश की छवि खराब करने का इल्जाम लगाया.
विपक्षी दलों “नाटक” और “दिखावा” करार दिया
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मामले को सुलझाने की कोशिश के तहत सोमवार को अपनी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया था और दिल्ली के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया था. लेकिन कांग्रेस, आप, बसपा, सपा और वामपंथी दलों जैसे विपक्षी दलों ने इसे केवल “नाटक” और “दिखावा” करार देते हुए खारिज कर दिया और और दोनों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की. शर्मा जहां अपनी टिप्पणी को लेकर विभिन्न शहरों में प्राथमिकी का सामना कर रही हैं, वहीं दिल्ली पुलिस ने अब उनकी शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की है जिसमें उन्होंने जान से मारने की धमकी मिलने का आरोप लगाया है.
आस्था के प्रतीकों के अपमान के खिलाफ कानून बनाया जाएः पर्सनल लॉ बोर्ड
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपने दो नेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई की सराहना करते हुए सोमवार को कहा कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए. बोर्ड के महासचिव मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रह़मानी ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के कुछ लोगों ने पैगंबर पर आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पणी की, जिससे देश के सभी मुसलमानों को सख़्त तकलीफ़ पहुंची और वैश्विक स्तर पर भी इसके कारण देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची. ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को पार्टी से निलंबित करना निश्चित रुप से अच्छी बात है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. ऐसे कुकृत्य करने वालों को कठोर दंड दिया जाए, उनके विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाही की जाए.’’
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