Maulana Kaleem and Umar Gautam: एनआईए/एटीएस स्पशल कोर्ट के जरिए अवैध धर्म परिवर्तन के मामले में 16 आरोपियों को दोषी ठहराया. कोर्ट ने इस फैसले के बाद डीजीपी प्रशांत कुमार का बयान आया है. उन्होंने बुधवार को फैसले की सराहना करते हुए कहा कि 'इससे ​​अच्छा मैसेज जाएगा.'


मौलान कलीम और उमर गौतम पर क्या बोले डीजीपी


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डीजीपी कुमार ने कहा, "एटीएस के जरिए की गई इस कार्रवाई से समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा कि अवैध धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कार्रवाई निश्चित है. यह बहुत बड़ा फैसला है. हम उन लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे जो नियमों के खिलाफ इस तरह के अवैध धर्मांतरण में शामिल हैं."


धर्मांतरण पर आजीवन कारावास


इससे पहले आज एनआईए/एटीएस की स्पेशल कोर्ट ने अवैध धर्मांतरण मामले में मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 12 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अदालत ने दूसरे चार आरोपियों राहुल बोला, मन्नू यादव, कुणाल अशोक चौधरी और सलीम को संबंधित धाराओं के तहत 10 साल के कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई थी.


देश भर में धर्मांतरण रैकेट चलाने में गिरफ्तारी


स्पेशल जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने 16 दोषियों को सजा सुनाई. मौलाना कलीम सिद्दीकी को सितंबर 2021 में अवैध धर्म परिवर्तन रैकेट का देशव्यापी सिंडिकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.


कैसे हुए मामले का खुलासा


डीजीपी कुमार ने मामले की जानकारी देते हुए कहा, "ये लोग दिल्ली में इस्लामिक दावा सेंटर चलाते थे. ये लोग गरीब लोगों और दिव्यांगों को पैसों का लालच देकर अवैध धर्मांतरण का रैकेट चला रहे थे. इनके एजेंट दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों में फैले हुए थे. इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब गाजियाबाद से इनके एक आदमी को पकड़ा गया और जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो अवैध धर्मांतरण का खुलासा हुआ."


उन्होंने आगे कहा,"ये बातें बताए जाने पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने उत्तर प्रदेश की एनआईए को इसकी जानकारी दी और आज खुशी की बात है कि इस मामले का खुलासा करते हुए कुल 16 लोगों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें कड़ी सजा दी गई. इन 16 लोगों में से 12 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है."