बरेली: अखिल भारतीय मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने धीरेंद्र शास्त्री पर इस्लाम के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ धर्म परिवर्तन अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि शास्त्री अपने बयानों से संप्रदाय को बांट रहे हैं और इस्लाम का मजाक उड़ा रहे हैं. मौलवी ने कहा कि शास्त्री ने अब तक 328 पुरुषों और महिलाओं का धर्मांतरण किया है और खुले तौर पर युवाओं को मुस्लिम लड़कियों को प्रपोज करने के लिए प्रोत्साहित किया है.


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मौलान शहाबुद्दीन ने कहा कि अगर कोई मुस्लिम मौलवी धर्मांतरण को बढ़ावा देता पाया गया तो वह सलाखों के पीछे पहुंच जाएगा लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने शास्त्री की बातों और गतिविधियों पर पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है. मौलाना ने चेतावनी दी कि अगर छत्तीसगढ़ सरकार ने शास्त्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो मुस्लिम जमात अदालत का रुख करेगी.


बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) को लेकर विवाद बढ़ता ही चला जा रहा है. विवाद की शुरुआत तब हुई जब अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव ने उन्हें चमत्कार दिखाने का चैलेंज दे दिया था. साथ ही ईनाम देने की भी बात कही थी. श्याम और उनकी संस्ता का कहना था कि धीरेंद्र शास्त्री लोगों का बेवकूफ बना रहे हैं. 


नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने कहा था कि धीरेन्द्र शास्त्री हमारे 10 लोगों को अपने अंतर ज्ञान से उनके बारे में बताएं. इसमें उनका नाम, नंबर, उम्र और उनके पिता का नाम बताना था. इसके अलावा पास के कमरे में 10 चीजें रखते, उन 10 चीजों को उन्हें पहचानना था. अगर धीरेंद्र शास्त्री ऐसा करने में कामयाब हो जाते तो उन्हें 30 लाख रुपये इनाम के तौर पर भी देने की बात कही थी. 


संस्था ने यह दावा तब किया था जब धीरेंद्र शास्त्री की नागपुर में राम कथा थी. नागपुर में धीरेंद्र शास्त्री की कथा 5 से 13 जनवरी तक होनी थी लेकिन धीरेंद्र शास्त्री वहां से 2 दिन पहले ही चले गए. यह खबर वायरल होने लगी और धीरेंद्र शास्त्री पर भागने का आरोप लगा दिया. लेकिन शास्त्री ने कहा था कि वो इस बारे में पहले ही सूचना दे चुके थे. इसके बाद सियासत तेज हो गई और कुछ लोगों ने उनका समर्थन किया तो कुछ ने विरोध करना शुरू कर दिया. 


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