Mehbooba Mufti: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि कर्नाटक के लोगों ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में ‘फासीवादी, सांप्रदायिक और विभाजनकारी’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराकर पूरे देश को उम्मीद की किरण दिखाई है. मुफ्ती ने इसके लिए कर्नाटक के लोगों की तारीफ भी की. हालांकि, उन्होंने दिल्ली के हालिया घटनाक्रम के प्रति लोगों को आगाह करते हुए कहा कि यह सभी के लिए एक खतरे की घंटी है, क्योंकि ऐसा देश में कहीं भी हो सकता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मुफ्ती ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘कर्नाटक ने पूरे देश को उम्मीद की किरण दिखाई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा का हर नेता कर्नाटक चुनाव में धर्म का सहारा ले रहा था, लेकिन फिर भी लोगों ने उन्हें सत्ता से बाहर का रास्त दिखा दिया.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव की नींव रखी. मुफ्ती ने कहा, ‘‘पिछले पांच साल से नफरत तथा सांप्रदायिक राजनीति का असर रहा है. यहां भी कर्नाटक में ‘बांटने’ की राजनीति की गई. अब सिद्धरमैया और डी. के. शिवकुमार इन घावों पर मरहम लगाएंगे.’’ 


महबूबा मुफ्ती 20 मई को राष्ट्रपति के ज़रिए पास एक अध्यादेश का जिक्र कर रहीं थी, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल को दिल्ली में (केंद्र सरकार द्वारा नामित) सिविल सेवकों के खिलाफ ट्रांसफर, तैनाती और अनुशासनात्मक कार्यवाही की निगरानी के हक दिए गए हैं. बता दें कि अध्यादेश जारी किए जाने से महज एक हफ्ते पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर अन्य सभी सर्विसेज का कंट्रोल दिल्ली सरकार को सौंप दिया था. इस अध्यादेश ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को निरस्त कर दिया है. 


पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) चीफ मुफ्ती ने बेंगलुरु में पत्रकारों से कहा, ‘‘दिल्ली में जो कुछ भी हुआ वह सभी के लिए एक खतरे की घंटी है. जम्मू-कश्मीर में जो कुछ हुआ, वह पूरे देश में होने जा रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा कोई विपक्ष नहीं चाहती. दिल्ली सरकार को शक्तिहीन कर दिया गया है. यह सभी के साथ होने वाला है.’’ मुफ्ती ने कहा कि वह तब तक विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी जब तक कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 बहाल नहीं किया जाता. हालांकि उनकी पार्टी पीडीपी चुनाव लड़ेगी.


ZEE SALAAM LIVE TV