देश की नई संसद में दोनों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार से शुरू होने जा रही है और बताया जा रहा है कि देश के नए संसद भवन में देश के लगभग आधी आबादी यानी महिलाओं से जुड़ा हुआ पहला कानून 19 सितंबर को पास होगा. सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण से जुड़े बिल को मंजूरी दे दी गई. 


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केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने सोमवार को कहा कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है. मंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सिर्फ (नरेन्द्र) मोदी सरकार के पास महिला आरक्षण की मांग को पूरा करने का नैतिक साहस है, जो मंत्रिमंडल की मंजूरी से साबित हो गया है. नरेन्द्र मोदी जी को बधाई और मोदी सरकार को बधाई.’’ संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन की बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आज शाम बैठक हुई. करीब 90 मिनट तक चली मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की.


बताया जा रहा है कि भाजपा ने महिला आरक्षण विधेयक को एक बड़ा अवसर बनाने की भी तैयारी शुरू कर दी है. भाजपा ने अपने दिल्ली के और दिल्ली की सीमा से सटे अन्य राज्यों के सांसदों को महिलाओं को बड़े पैमाने पर दिल्ली लाने को कहा है. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन महिलाओं को संबोधित भी कर सकते हैं।. इन महिलाओं को संसद में दर्शक के तौर पर ले जाने पर भी विचार किया जा रहा है.


कांग्रेस ने महिला आरक्षण विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने संबंधी खबर का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि सर्वदलीय बैठक में इस पर चर्चा कर आम सहमति बनाई जा सकती थी. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उनका दल लंबे समय से इस विधेयक को पारित करने की मांग कर रहा है. उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है. हम केंद्रीय मंत्रिमंडल के फ़ैसले से जुड़ी खबर का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं.


कांग्रेस नेता ने कहा था, ‘‘महिलाओं के लिए संसद और राज्यों की विधानसभाओं में एक-तिहाई आरक्षण के वास्ते तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने संविधान संशोधन विधेयक लाया था. विधेयक नौ मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ था, लेकिन लोकसभा में नहीं ले जाया जा सका.’’