Mufti Salman Azhari Arrested: मुंबई पुलिस के साथ एक ज्वाइंट ऑपरेशन में, गुजरात पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में रविवार को मुंबई में इस्लामी उपदेशक मुफ्ती सलमान अज़हरी को गिरफ्तार कर लिया है. मुफ्ती की गिरफ्तारी के बाद काफी बवाल हुआ. उनके सैकड़ों समर्थक उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हुए स्टेशन के बाहर जमा हो गए.


पुलिस को करना पड़ा लाठीचार्ज


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एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि इलाके में यातायात बाधित होने की वजह से पुलिस ने मुफ्ती के समर्थकों पर लाठीचार्ज किया. मुंबई पुलिस ने एक बयान में कहा कि मौलाना मुफ्ती सलमान अज़हरी को लाए जाने के बाद घाटकोपर पुलिस स्टेशन के बाहर इकट्ठा हुई भीड़ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.


मुफ्ती अजहर ने लोगों से की गुजारिश


मौलवी ने पुलिस स्टेशन के अंदर से अपने समर्थकों को भी संबोधित किया और उनसे विरोध न करने को कहा. मुफ़्ती सलमान अज़हरी ने कहा, "न तो मैं अपराधी हूं, न ही मुझे अपराध करने के लिए यहां लाया गया है. वे जरूरी जांच कर रहे हैं और मैं भी उनके साथ सहयोग कर रहा हूं. अगर यह मेरी नियति है तो मैं गिरफ्तार होने के लिए तैयार हूं."


तीन लोगों की हुई है गिरफ्तारी


बता दें, गुजरात के जूनागढ़ में दिए गए एक भाषण के ऑनलाइन वायरल होने के कुछ दिनों बाद मुफ्ती और दो अन्य को भारतीय दंड संहिता की धारा 153 बी (विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 505 (2) (एक समुदाय के खिलाफ अपराध भड़काने के लिए प्रसारित बयान) के तहत गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार हुए दूसरे दो लोगों का नाम मोहम्मद यूसुफ मालेक और अजीम हबीब ओडेदरा  है, जो एक लोकल ऑर्गनाइजर हैं, और उन्हें मुफ्ती की हिरासत से पहले ही गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद गुजरात पुलिस ने मौलवी को गिरफ्तार करने के लिए महाराष्ट्र पुलिस से मदद मांगी थी.


मुफ्ती के वकील ने दी जानकारी


मुफ्ती सलमान अज़हरी के वकील ने कहा कि रविवार सुबह करीब 35 से 40 पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में उनके घर पहुंचे. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें उनकी यात्रा के उद्देश्य के बारे में जानकारी देने से इंकार कर दिया. उन्होंने आगे कहा,"मौलाना मुफ़्ती सलमान अज़हरी से समन्वय करने के बाद, उन्होंने (पुलिस ने) कहा कि गुजरात में 153 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. मौलाना मुफ़्ती सलमान अज़हरी उनके साथ पुलिस स्टेशन आए और सहयोग भी किया, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है." बताया जा रहा है कि मुफ्ति को गुजरात पुलिस जूनागढ़ दो दिनों की ट्रांजिट रिमांड पर भेज रहे हैं.