Mukhtar Ansari: मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. करीब तीस साल बाद ये पहली बार होगा कि जब मुख्तार अंसारी मैदान में नहीं होंगे. जानकारी के उन्होंने अपनी सीट अपने बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को सौंप दिया है. 


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सोमवार को दाखिल किया नॉमिनेशन
सोमवार को मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) ने नामांकन दाखिल कर दिया. सपा गठबंधन में शामिल ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा ने उन्हें टिकट दिया है. मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का ये फैसला ऐसे वक्त पर आया है जब बीजेपी (BJP) उन पर हमलावर है. जान लें काफी वक्त से मुख्तार अंसारी जेल में हैं और कई राजनैतिक जानकारों का मानना है कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) नहीं चाहती थी कि बीजेपी उन्हें मुख्तार के नाम पर घेरे.


नामांकन के लिए मांगी थी इजाज़त
पिछले हफ्ते मुख्तार अंसारी ने नोमिनेशन दाखिल करने के खातिर कोर्ट से इजाजत मांगी थी. जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें नामांकन दाखिल करने के इजाजत दे दी थी लेकिन यह प्रक्रिया जेल के अंदर ही पूरी होनी थी. आपको बता दें हालही में ओम प्रकाश राजभर ने कहा था कि मुख्तार अंसारी या अब्बास अंसरी में से कोई एक चुनाव लड़ सकता है.


क्या बोले अब्बास अंसारी 
एक रिपोर्ट के मुताबिक सुभासपा से नामांकन के बाद अब्बास अंसारी ने कहा कि 'अब उनके पिता चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने राजनैतिक विरासत मुझे सौंप दी है. मऊ अब मेरी कर्म भूमि भी रहेगी. पिता की विरासकत को आगे लाने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा.' 'उनसे सवाल पूछने पर कि उनके पिता ने ऐसा कदम क्यों उठाया, जिसपर अब्बास अंसारी ने कहा- ये सवाल शासन-प्रशासन से पूछना चाहिए.


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