Death anniversary of Mumtaz Mahal: मोहब्बत करने वालों के बीच अक्सर एक इमारत का जिक्र जरूरत सुना होगा. वो इमारत है दुनिया के 7 अजूबों में से एक और उत्तर प्रदेश के आगरा में मौजूद "ताजमहल". यह ताजमहल क्यों बना और किसने बनवाया ये तो लगभग सभी लोग जानते हैं. फिर भी हम आपको बता रहे हैं कि यह ताजमहल एक "आशिक" और अपने इंसाफ के लिए पहचाने जाने वाले 5वें मुगल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज़ के लिए बनावाया था. 


मुमताज महल जन्म


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शाहजहां और मुमताज़ के बीच मोहब्बत की मिसालें दुनियाभर में दी जाती हैं. साथ ही शाहजहां के ज़रिए मुमताज़ के लिए बनवाया गया ताजमहल आज के दौर में गिफ्ट के तौर पर एक दूसरे को दिया जाता है. खैर ताजमहल के बारे में लिखने को बहुत कुछ है लेकिन हम फिलहाल मुमताज़ के बारे में बात करते हैं. मुमताज का जन्म 27 अप्रैल 1593 को आगरा में हुआ था. उनका असली नाम अर्जुमंद बानो था. उनकी पिता अबू-हसन असफ खान और मां का नाम दीवानजी बेगम था.मुमताज के पिता आसफ खान एक अमीर फारसी रईस थे जो मुगल साम्राज्य में आला पद पर थे.


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मुमताज और शाहजहां की मोहब्बत


शाहजहां और मुमताज़ के बीच मोहब्बत के शायद ही किसी ने ना सुने हों. एक जानकारी के मुताबिक शाहजहां ने मुमताज़ को पहली बार मीना बाज़ार में देखा था. शाहजहां ने मुमताज को देखा और देखते ही रह गए, उन्हें पहली नजर में मुमताज से मोहब्बत कर बैठे थे. इन दोनों की शादी में किसी तरह की रुकावट भी नहीं थी. जिस वक्त मुमताज़ 14 और शाहजहां 15 बरस के थे तो दोनों की सगाई हो गई थी. इसके करीब 5 बरस बाद जब शाहजहां की उम्र 20 वर्ष और मुमताज की उम्र 19 बरस थी तो दोनों की शादी हुई थी. 


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10 साल तक गर्भवती रही मुमताज


हालांकि मुमताज के अलावा शाहजहां की और भी पत्नियां थी लेकिन वो सबसे ज्यादा मोहब्बत मुमताज को किया करते थे. दोनों के बीच मोहब्बत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज भी उनकी मिसाल पेश की जाती हैं. दोनों को 13 बच्चे थे और साल 1631 में वो 14वें बच्चे की मां बनने वाली थी. एक जानकारी के मुताबिक जिस समय शाहजहां अपनी फौज के साथ एक  जहान लोदी की चढ़ाई पर थे. इस समय उनके साथ मुमताज भी थीं. जोकि प्रेग्नेंट थी और यहीं पर मुमताज़ करीब तकरीबन 30 घंटे के लेबर पेन यानी प्रसव पीणा से गुजरी थी और आखिर में उनकी मौत हो गई. मुमताज़ और शाहजहां के तकरीबन 19 साल की वैवाहिक जीवन में उनकी पत्नी 10 साल से भी ज्यादा वक्त तक गर्भवती ही रही. मुमताज की मौत के बाद शाहजहां खुद को संभाल नहीं पा रहे थे. एक जानकारी के मुताबिक उनके दरबार में 2 बरस तक मुमताज की मौत का शोक मनाया गया था. 


इसके अलावा एक जानकारी आपको एक रोचक बात यह भी बता देते हैं कि जिस समय मुमताज आगरा में रहती थीं तो वो यमुना नदी के किनारे मौजूद बाग में अक्सर जाया करती थीं और शायद यही कारण है कि शाहजहां उसी जगह पर अपनी पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल बनावाया. 


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