The Kerala Story Controversy: देश के सबसे बड़े मुस्लिम संगठनों में शुमार 'जमीयत उलेमा-ए-हिंद' फिल्म 'The Kerala Story' की रिलीज के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. संगठन ने अपनी अर्जी में सुप्रीम कोर्ट से मांग है कि वह केंद्र और सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) को ये निर्देश दे कि वह 'द केरल स्टोरी' को थियेटर और ओटीटी पर रिलीज न होने दें.


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संगठन ने कहा है कि 5 मई को रिलीज होने वाली फिल्म में 'नफरत' और मुआशरे में कई समुदायों के बीच दुशमनी पैदा करने वाले कारण हैं. इससे पहले एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट से नफरती भाषण का हवाला देकर फिल्म की रिलीज पर पाबंदी लगाने की मांग की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्जी को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि प्रमाणन हो गया है इसलिए आप हाई कोर्ट जाएं.


'जमीयत उलेमा-ए-हिंद' ने अपनी अर्जी में कहा कि "इस फिल्म में पूरे मुस्लिम समुदाय को नीचा दिखाया गया है. इसका नतीजा ये होगा कि देश में मुस्लिम समुदाय की जिंदगी के लिए खतरा पैदा हो जाएगा. यह संविधान के आर्टिकल 14 और 21 का का उल्लंघन है."


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अर्जी में कहा गया है कि फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि मुस्लिम मौलवियों ने हिंदू और ईसाई लड़कियों के इस्लाम में कंवर्ट किया और उन्हें अफगानिस्तान में ISIS के पास भेज दिया.  इसी के साथ मुस्लिम नौजवान अपनी सहपाठियों को बहला फुसलाकर इसके लिए उकसाते हैं.


मुस्लिम संगठन ने फिल्म पर स्टे लगाने के साथ ये भी मांग की इसके ट्रेलर को इंटरनेट से हटाया जाए या फिर CBFC को हिदायत दे कि वह भड़काउ भाषण और डॉयलॉग की पहचान करे और उन्हें फिल्म 'द केरल स्टोरी' से हटाए.


अर्जी में यह भी मांग की गई है कि इस फिल्म को चलाने से पहले ये अस्वीकरण दिया जाए कि यह फिल्म काल्पनिक कहानी पर आधारित है और इसके सभी कलाकारों का संबंध किसी भी जिंदा या मुर्दा इंसान से नहीं है.


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