Purola News: उत्तराखंड के पुरोला की घटना के बाद दोनो ही पक्षों की ओर से बयान बाजी सामने आ रही है. यमुना घाटी में बड़ी संख्या में सड़कों पर प्रदर्शन हुए और सालों से रह रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों को अपने घर छोड़ना पड़ा. पुरोला में हालात अभी शांत हैं लेकिन पिछले दिनों मुस्लिम समुदाय के ऐसे कई परिवारों ने पुरोला छोड़ दिया जो सालों से वहां रहकर अपना व्यापार कर रहे थे. इसी घटना को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इंडियन मुस्लिम फॉर प्रोग्रेस एंड रिसर्च के 10 सदस्यों ने उनके आवास पर मुलाकात की. इस मुलाकात में आईएमपीएआर के अध्यक्ष एमजे खान अजमेर शरीफ और कलियर शरीफ दरगाह के गद्दी नशीन, पत्रकार वकील और सेना से रिटायर्ड बुद्धिजीवी वर्ग वाले प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया कि जिस प्रदेश में धार्मिक प्रवृत्ति के लोग हों और जहां धार्मिक दृष्टि से देश और दुनिया के लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं, वहां इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो.


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सोशल मीडिया जिम्मेदार


वहीं अजमेर शरीफ दरगाह के गद्दी नशीन ने पुरोला की घटना पर सोशल मीडिया को जिम्मेदार मानते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर चलाई जा रही फेक न्यूज़ के कारण प्रदेश का माहौल बिगड़ा है. ऐसे में उनकी लोगों से अपील है कि सोशल मीडिया पर आई किसी भी भ्रामक खबर पर भरोसा ना करें. वही उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया भर में मुसलमान अगर किसी देश में सुरक्षित हैं तो वह भारत देश है जबकि पड़ोसी देशों में मुस्लिम लोगों के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है.


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बेवजह की बयानबाजी पर लगे रोक


वहीं मुलाकात करने के बाद आईएमपीएआर के अध्यक्ष एमजे खान ने कहा कि उत्तराखंड से जो तस्वीरें मीडिया में प्रसारित हो रही थीं उनके कारण प्रदेश और देश की छवि दुनिया भर में खराब हुई है. उन्होंने कहा कि कई बार कुछ संवेदनशील मुद्दों पर बेवजह बयानबाजी से भी माहौल बिगड़ता है. उन्होंने ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई की मांग की है जो नाम बदल कर समाज में रहते रहते हैं और अपनी पोस्ट पहचान छुपाते हैं. वहीं इस बैठक के दौरान प्रदेश में मजारों पर चल रही कार्यवाही को लेकर भी मुख्यमंत्री से चर्चा की गई थी, जिसमें मुख्यमंत्री ने इस बात का भरोसा दिया है कि जिन जगहों पर बेवजह अतिक्रमण किया गया है केवल उन्हीं पर कार्रवाई की गई है.


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