Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के जिला बलरामपुर में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है. जिले के कुसमी में रह रहे अबुल हसन ने पिछले साल अगस्त में अपनी बीवी और दो बेटियों को मरा हुआ समझकर रायगढ़ में दफन कर दिया था. लेकिन अब उनकी बीवी और दोनों बेटियां सकुशल वापस घर लौट आई हैं. इस घटनाक्रम ने रायगढ़ जिले की पुलिस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं!


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बीवी बेटियों को दफनाया
पेशे से टेलर अबुल हसन की जिंदगी में उस वक्त दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, जब साल 2023 के अगस्त महीने में उनकी बीवी राबिया परवीन अपनी दो बेटियों के साथ पति से झगड़ा कर काम की तलाश में घर छोड़कर चली गईं. आर्थिक रूप से कमजोर अबुल हसन ने अपनी बीवी को ढूंढने की हर मुम्किन कोशिश की लेकिन वह कामयाब न हो सके. अबुल का परिवार बलरामपुर जिले के पस्ता थाना इलाके के बासेन में जा बसा. इसी बीच सोशल मीडिया के जरिए अबुल को जानकारी मिली कि 14 अगस्त 2023 को रायगढ़ जिले के खरसिया थाना इलाके देजहरी गांव में एक महिला और दो बच्चियों की लाश मिली है. पुलिस लाशों की शिनाख्त में जुटी थी, तभी अबुल भी खरसिया पहुंचे. पुलिस ने तीनों लाशें अबुल को दिखाईं और अबुल ने लाशों की शिनाख्त अपनी पत्नी राबिया और दोनों बच्चियों (गुलस्ता परवीन और सजीरा परवीन) के तौर पर की. 


लाशों का कफन-दफन
अबुल का कहना है कि लाशें हफ्ते भर पुरानी हो चुकी थीं. लाश की शिनाख्त कर पाना मुश्किल था, लेकिन बच्चियों की लाशों को देखकर अबुल ने उन लाशों की शिनाख्त अपने परिवार के रूप में की. रायगढ़ मेडिकल कालेज में लाशों का पोस्टमार्टम कराकर पुलिस ने लाशों को अबुल के सुपुर्द किया और अबुल ने रायगढ़ में ही लाशों का कफन-दफन कर दिया था.


यह भी पढ़ें: Photos: शादी के 14 साल बाद शौहर से तंग आकर मुस्लिम औरत ने की खुदकुशी; 1 महीने बाद कब्र से इसलिए निकाली गई लाश


बीवी का हुआ अपहरण
इधर इस घटनाक्रम को लगभग एक साल बीत गए कि अचानक राबिया परवीन ने दिल्ली में रहने वाली अपनी बड़ी बहन से संपर्क किया और उसे अपनी आप बीती बताई, जिसके बाद परिजनों की मदद से वह अपने मायके लौटीं. अब वह अपने पति के पास एक महीने पहले लौट आईं. राबिया बताती हैं कि उसे अंबिकापुर के एक शख्स ने काम दिलवाने का लालच देकर अपने साथ राजस्थान ले गया था. जहां उसे प्रताड़ित किया जाता है. राबिया कहती हैं कि फैक्ट्री में काम देने का झांसा देकर उससे खेतों में काम करवाया जाता था. फोन तक लूट लिए गए थे. 


शौहर के पास लौटी बीवी
एक दिन तबीयत खराब होने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया था. अस्पताल से ही उसने अस्पताल में भर्ती एक महिला के फोन से अपनी बड़ी बहन को फोन किया था. जिसके बाद उसके परिजनों को उसके जिंदा होने की जानकारी मिली थी. फिर उसके परिजनों की मदद से वह और उसके दोनों बच्चे झारखंड उसके मायके लगभग 2 महीने पहले लौटे. लगभग एक महीने पहले वह अपने पति के पास लौट आई. इस बीच अबुल बासेन गांव छोड़कर कुसमी में शिफ्ट हो चुके थे.


पुलिस के लिए चुनौती 
अबुल हसन की बेटी सिजरा परवीन का कहना है कि राजस्थान में उन लोगों से भी मारपीट की जाती थी. छोटी सी बच्ची सिजरा कहती हैं कि उन्हें कहा जाता था कि एक बार जो यहां आ गया तो उसकी हड्डी भी वापस नहीं जाती. राबिया की ही तरह राजस्थान में और भी कई लोग हैं जिन्हे बंधक बनाकर रखा गया है! वहीं अब पुलिस के लिए एकबार फिर यह चुनौती है कि आखिर अबुल ने किन की लाशों का कफन-दफन कर दिया? पुलिस का कहना है कि पुलिस एक बार फिर उन तीनों लाशों की शिनाख्त के लिए इश्तहार जारी करेगी, ताकि उन तीनों लाशों के वास्तविक परिजन मिल सकें!