असम के इस इलाके में नवरात्र के आयोजन में मुस्लिम नौजवान लेते हैं हिस्सा; फल करते हैं दान
राजा ने कहा कि वही देश और दुनिया को यह संदेश देना चाहते हंै कि हम हिन्दू और मुसलमान दोनों एक हैं, कोई भी हमारे बीच किसी तरह का दरार नहीं पैदा कर सकता है.
शिलचरः देशभर में इस वक्त नवरात्र चल रहा है. हिन्दू मजहब के लोग इसमें उपवास, मां दूर्गा की आरती और पूजा पाठ करने में मसरूफ हैं. ऐसे में असम का शिलचर शहर इस नवरात्र के दौरान सामाजिक और सांस्कृतिक एकता और भाईचारे की एक मिसाल पेश कर रहा है. असम के शिलचर शहर में वाके बेतुकांदी भागाडहर इलाके में लगभग 100 साल पुराने एक दुर्गा की मंदिर में महासप्तमी धूमधाम से मनाया जा रहा. वहीं इलाके के कुछ मुस्लिम नौजवान इस मंदिर में पूजा -पाठ करने आने वाले श्रद्धालुओं को फल वगैरह बांट रहे हैं. वह अकीदतमंदों को पूजा में लगने वाले सामान भी देते हैं और इस पूरे आयोजन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं.
एकता और भाईचारे का देना चाहते हैं संदेश
इस आयोजन में हिस्सा लेने वाले एक मुस्लिम नौजवान राजा लश्कर ने बताया कि यह एक मुस्लिम बहुल गांव हैं. यहां गांव के एक हिस्से में कुछ हिन्दू भाईयों के घर हैं और वहीं पर पास में एक दूर्गा माता का मंदिर भी है. यहां नवरात्र में लोग पूजा करते हैं तो मुस्लिम नौजवान भी उसमें शामिल होते हैं. वह पूजा में हिस्सा तो नहीं लेते लेकिन उसके आयोजन में बाहरी कामों में स्थानीय लोगों की मदद करते हैं. राजा ने कहा कि वही देश और दुनिया को यह संदेश देना चाहतें हैं कि हम हिन्दू और मुसलमान दोनों एक हैं, कोई भी हमारे बीच किसी तरह का दरार नहीं पैदा कर सकता है. पूजा कमेटी के सदस्य उज्जवल दास ने भी कहा कि वह सालों से इस गांव में रहते हैं. उनके पूर्वज भी यहीं रहते हैं. स्भी लोग मिलजुल कर आपस में रहते हैं और एक दूसरे के सुख-दुख में हाथ बंटाते हैं.
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