Muzaffarnagar News: कांवड़ियों के जरिए किए जा रहे हंगामों की खबरें अलग-अलग जगहों से सामने आ रही हैं. सरकार हर कोशिश कर रही है कि कैसे माहौल न बिगड़े, लेकिन कहीं न कहीं से कावड़िये कभी किसी पुलिस गाड़ी को नुकसान पहुंचाते दिखते हैं, तो कहीं आम नागरिक को मारते हुए दिख रहे हैं. हाल ही में मुजफ्फरनगर से आए मामले में कावड़ियों की पिटाई के बाद एक शख्स की मौत हो गई. मरने वाले का नाम मोहित था, जो ई-रिक्शा चालक था.


मुज़फ्फरनगर में कावड़ियों का हंगामा


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बीते हफ्ते मोहित के ई रिक्शा से कावड़ ले जा रहे शख्स को साइड लग गई थी. जिसकी वजह से उसका गंगा जल गिर गया, ड्राइवर ने भागने की कोशिश की, लेकिन कावड़ियों के ग्रुप ने उसे पकड़ लिया. इसके बाद मोहित की खूब पिटाई की गई. पुलिस मौके पर पहुंची और उसे अस्पताल ले जाया गया. शुरुआत ट्रीटमेंट के बाद मोहित का परिवार उसे घर ले गया और वहीं इलाज की बात की.


पांच दिनों बाद पीड़ित की मौत


पांच दिनों बाद पीड़ित की हालत बिगड़ी तो परिवार उसे खतौली के एक अस्पताल में ले गया. जहां उसकी मौत हो गई. अब यहीं से पूरा मामले की शुरुआत हुई. पुलिस ने बयान दिया कि मोहित की बीमारी से मौत हुई है, वहीं परिवार ने इल्जाम लगाते हुए कहा कि मोहित की मौत तो कांवड़ियों के पीटने की वजह से हुई है.


मोहित के निधन के बाद पुलिस ने बयान जारी किया,"ई-रिक्शा दुर्घटनाग्रस्त हो गया और मोहित के पैर में चोट लग गई. बाद में कांवड़िए और आम लोग मौके पर जमा हो गए. मोहित नशे की हालत में था और कई बीमारियों से पीड़ित था. बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. परिवार पोस्टमार्टम के लिए राजी नहीं हुआ और शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गया."


परिवार ने कहा हम नहीं कराना चाहते पोस्टमार्टम


खतौली थाने में दिए हलफनामे में परिजनों ने कहा कि मोहित की मौत कुछ बीमारियों के कारण हुई है और वे शव का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते.


मोहित के परिवार का आया बयान


अब इस पूरे मसले पर मोहित के परिवार का बयान आया है, और उसका कहना है कि कांवड़ियों के पीटने की वजह से मोहित की मौत हुई है और पुलिस ने उनसे यह बयान जानबूझकर दिलाया है. मोहित की बहन कहती हैं कि वह ई रिक्शा लेकर आ रहा था और एक भोले के साइड लग गई, जिसकी बाद उन लोगों ने इतनी पिटाई की उसकी मौत हो गई.


मोहित की बहन कहती है कि उसके गुम चोटें भी थी, पैर में घाव बन रहा था, पता नहीं उन लोगों ने क्या मारा, शायद चाकू मारा था. उन्होंने आगे कहा कि ज्यादा चोट पैर पर दिखाई दे रही थी, लेकिन उसके पूरे शरीर पर चोट थी. सिर, सीने और कमर में गुम चोटे लगी हुई थीं.


बीमार नहीं था मोहित


मोहित की बहन ने कहा कि वह बीमार नहीं था, अगर वह बीमार होता तो ई रिक्शा क्यों चलाता. हमें नहीं पता था कि पोस्टमार्टम कराना जरूरी था, अगर हमें पता होता तो हम जरूर करा लेते. उन्होंने कहा कि पुलिस ने जैसे हमसे लिखवाया वैसे हमने लिख दिया. हमें यह नहीं पता था कि पुलिस अपना बचाव कर रही थी या क्या कर रही थी.