Muzaffarnagar Student Slapping Case: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक स्कूल में एक स्टूडेंट को दूसरे बच्चों से थप्पड़ मरवाने के मामले में आज ( 1 मार्च ) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान यूपी गवर्नमेंट ने कोर्ट को अवगत कराया कि उसने उस वायरल घटना में शामिल बच्चों के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था की है.     


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जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की अध्यक्षता वाली पीठ को एएजी गरिमा प्रसाद ने अवगत कराया कि राज्य सरकार ने यूपी में हुई घटना के संबंध में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) द्वारा की गई सिफारिशों को लागू किया है. 


एएजी प्रसाद ने बताया कि कि काउंसलिंग 24 अप्रैल तक जारी रहेंगी. नए अनुपालन हलफनामे को रिकॉर्ड पर लेते हुए पीठ ने मामले को 15 अप्रैल को आगे की सुनवाई के लिए आगे बढ़ा दिया है.  इसी बीच, कोर्ट ने राज्य सरकार से शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम और उसके तहत बनाए गए नियमों के इंप्लीमेंटेशन  के बड़े मुद्दे पर अपना हलफनामा दाखिल करने के लिए  कहा है.
  
इससे पहले की सुनवाई में शीर्ष अदालत ने बच्चों को परामर्श सुविधाएं प्रदान करने में यूपी सरकार की विफलता पर कड़ा रुख अपनाया था और राज्य के अधिकारियों को TISS द्वारा की गई सिफारिशों को सही मायने में लागू करने का हुक्म दिया था. 
 
क्या है पूरा मामला
वायरल वीडियो में साथी छात्रों को एक निजी स्कूल के टीचर के कहने पर एक 7 साल के बच्चे को थप्पड़ से मारा गया था. थप्पड़ मारने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसके देश भर में महिला टीचर का जमकर विरोध हुआ था. इस घटना के बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें घटना की समय के साथ स्वतंत्र जांच और स्कूलों में अल्पसंख्यकों के छात्रों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए दिशानिर्देश स्थापित करने के निर्देश देने की मांग की थी.