Muzaffarpur News: आपने मकान, फ्लैट, दुकान, बाइक समेत चार पहिया वाहन को पुराना होने पर सोशल मीडिया पर बिकते हुए देखा होगा. क्या आपने सोशल मीडिया पर इंसान के बच्चे को कभी बिकता हुआ देखा, लेकिन ऐसा हुआ है. दरअसल, यह चौंकाने वाला मामला बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से आया है. यहां  9 बच्चों के माता-पिता ने सोशल मीडिया पर एक विडियो अपलोड कर कहा कि अगर आपको बच्चा चाहिए तो आप मेरे पास आइए. उन्होंने वीडियो में कहा कि वह एक बच्चे एक दंपत्ति के हाथों बेच भी चुका है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक मां अपने बच्चे को कैसे बेच सकती है?  मां इतनी कायर कैसे हो सकती है, आइए जानते हैं इसकी क्या है सच्चाई? 


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गरीबी से तंग आकर उठाया ये कदम
यह विडियो मुजफ्फरपुर के बेनीबाद थाना क्षेत्र के केवटसा गांव के निवासी नीरज सिंह और उनकी पत्नी जूली देवी ने सोशल मीडिया पर एक वायरल किया है. वीडियो में  कहा जा रहा है कि मुझे बच्चे को बेचना है अगर आपको बच्चा लेना है तो मेरे पास आइए और अबतक एक बच्चे को बेच भी चूका हूं.


दरअसल, इस परिवार ने यह कदम गरीबी से तंग आकर उठाया है. नहीं तो कोई कैसे अपने कलेजे के टुकड़े को बेच सकता है. आपको बता दें, नीरज सिंह की शादी 17 साल पहले गयाघाट थाना क्षेत्र के मकरंदपुर की रहने वाली जूली देवी के साथ हुई थी,जिसके बाद दोनों को 4 बच्चे हुए तो वह ज्यादा बच्चा होने की वजह से बच्चा बंद होने का ऑपरेशन कराने का मन बनाया. 


डॉक्टरों की लापरवाही से हुई गर्भवती
जुली देवी ने 2015 में मुख्यमंत्री के निर्देश पर अयोजित परिवार नियोजन के ऑपरेशन लिए कैंप में परिवार नियोजन का ऑपरेशन कराया था. लेकिन, इसके बावजूद ऑपरेशन के तीन साल के बाद फिर से जूली देवी गर्भवती हो गई और ऑपरेशन के बाद अभी तक इन दोनों को 5 और बच्चे हुए और 10वीं बार महिला गर्भवती है. 


अब सवाल यह उठता है की एक दो नहीं बल्कि तीन बार महिला का आपरेशन हुआ सुई पड़ा लेकिन फिर भी महिला को 6 बच्चे कैसे हो गया. डीएम से लेकर सिविल सर्जन तक शिकायत की गई,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुआ, तो आखिर में गरीबी से तंग आकर वह बच्चे को बेचने की बात कहते हुए वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया.


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गरीबी की वजह से एक वक्त ही जलता है चूल्हा
जब नीरज सिंह और उनकी पत्नी जूली देवी से पूछा गया कि यह कानून जुर्म है यह जानते हुए आपने ये क्यों किया? इस सवाल का जवाब देते हुए दंपत्ति ने उनके सामने कोई चारा नहीं बचा है, इतने बच्चों का परवरिश नहीं कर पा रहे हैं. उनके घर में एक वक्त किसी तरह चूल्हा जल पाता है और समय उनके बच्चे गरीबी की वजह से भूखे पेट रहते हैं.


राशन कार्ड से कटा नाम 
दोनों पति पत्नी हेल्थ डिपार्टमेंट के खिलाफ़ शिकयत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. यहां तक कि उनके परिवार के कई लोगों का नाम भी राशन कार्ड से काट दिया गया,वोटर लिस्ट से भी नाम हटवा दिया गया.अब बच्चों की तादाद ज्यादा होने की वजह से और बच्चों का पालन पोषण नहीं हो पा रहा है. जिससे अब वह अपने बच्चों की बेचने की बात कह रहे हैं और एक बच्चे को बेच भी चुके हैं.