Vinesh Phogat: खोटा सिक्का नहीं, बेहद बेशकीमती हैं विनेश; कुछ ऐसा रहा है चैंपियन का करियर
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Vinesh Phogat: खोटा सिक्का नहीं, बेहद बेशकीमती हैं विनेश; कुछ ऐसा रहा है चैंपियन का करियर

Vinesh Phogat News: राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार तीन गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कुश्ती को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है. फोगाट का यहां तक सफर काफी संघर्षों से भरा रहा. उन्होंने रिटायर्मेंट का ऐलान फाइनल से डिसक्वालिफाई होने के बाद कुछ ही घंटों के बाद किया. आइए जानते हैं चैंपियन का यहां तक कैसा रहा सफर. करियर

 

Vinesh Phogat: खोटा सिक्का नहीं, बेहद बेशकीमती हैं विनेश; कुछ ऐसा रहा है चैंपियन का करियर

Vinesh Phogat Journey: भारत की दिग्गज पहलवान विनेश फोगाट ने कुश्ती को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है. उन्होंने यह फैसला बुधवार को महिलाओं की 55 किग्रा कुश्ती स्पर्धा के फाइनल से बाहर होने के बाद  लिया. सेमीफाइनल में विनेश ने क्यूबा की पहलवान लोपेज गुजमान को 5-0 से करारी शिकस्त दी थी. इसको हरान के बाद ऐसा माना जा रहा था कि विनेश ने देश के लिए एक पदक और पक्का कर दिया है. लेकिन उन्हें फाइनल में डिसक्वालिफाई कर दिया गया, जो विनेश समेत भारतीय एथलीट फैंस के लिए बहुत बड़ा झटका था. इसी के साथ विनेश और भारतवाासियों का कुश्ती में स्वर्ण पदक जीतने का सपना अधूरा रह गया. 

विनेश का यहां तक का सफर आसान नहीं रहा है.  उन्होंने सिर्फ कुश्ती के मैट पर ही नहीं, बल्कि निजी जीवन में भी विरोधियों का डटकर का जवाब दिया है. पिछले एक-दो सालों से वह विवादों को लेकर काफी सुर्खियों में रही हैं. आइए जानते हैं उनके यहां तक के सफर के बारे में...

'किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंजिल, 
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा.'

अहमद फराज का ये शेर विनेश फोगाट पर सटीक बैठता है. क्योंकि विनेश ने घुटनों के चोट से उबरने के बाद पेरिस ओलंपिक में विश्व की नंबर-1 और स्वर्ण पदक विजेता जापान की युई सुसाकी को हराया तो भारत समेत कुश्ती खिलाड़यों को एक मेडल की उम्मीद जगी, लेकिन फाइनल में वजन को लेकर उन्हें डिसक्वालिफाई कर दिया. जो विनेश समेत भारत के लिए के लिए बहुत चौंकाने वाला था. 

विनेश फोगाट ने 9 साल की उम्र में अपने पिता के इंतकाल के बाद भी हालातों के सामने घुटने नहीं टेके. उन्होंने समाज के साथ-साथ निजी जिंदगी से भी लड़ाई की. उन्होंने कुश्ती के मैट से लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर विरोधियों को जवाब दिया.  

विनेश ने कुश्ती के मैट से लेकर सड़क तक दिखाया दम 
विनेश फोगाट ने 2023 में 18 जनवरी को भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन भी किया, जिसमें कई दिग्गज पहलवानों ने उनके प्रदर्शन का सपोर्ट किया और दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए. इस प्रदर्शन ने पूरे देश को हिला को रख दिया.  तत्कलीन कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप था. मामला बढ़ने के बाद बृजभूषण को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी.

इसके बाद भारतीय कुश्ती संघ में चुनाव की घोषणा हुई और बृजभूषण के सबसे करीबी संजय सिंह को 21 दिसंबर को अध्यक्ष चुना गया. लेकिन मामला इसके बाद भी शांत नहीं हुआ. संजय के अध्यक्ष बनते ही पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने की घोषणा कर दी. उनके बाद बजरंग पूनिया ने 'पद्मश्री' लौटा दिया और पैरा पहलवान वीरेंद्र सिंह (गूंगा पहलवान) ने भी पद्मश्री लौटाने की चेतावनी दी, इसके बाद खेल मंत्रालय हरकत में आई और भारतीय कुश्ती संघ को सस्पेंड कर दिया.  हालांकि, बाद में संजय सिंह से IOC ( Indian Olympic Council ) ने निलंबन हटा लिया. लेकिन बृजभूषण पर आरोप तय होने के बाद सजा नहीं मिली तो विनेश ने भी खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटाने की घोषणा कर दी.

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विनेश फोगाट का ऐसा रहा करियर
विनेश का जन्म 25 अगस्त 1994 को हुआ था, उनेक परिवार में कई लोगों ने कुश्ती में काफी नाम कमाया है. वे 9 साल की उम्र में कुश्ती के मैट पर आईं, इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इस दौरान उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना किया, लेकिन वे हार नहीं मानी और 2014 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में विनेश फोगाट ने अपना पहला बड़ा इंटरनेशनल खिताब जीतकर आलोचकों के मुंह पर ताला जड़ दिया.

यह स्वर्ण पदक उनके लिए ओलंपिक खेलों में रास्ता खोल दिया. उन्होंने 2016 रियो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई, लेकिन वह पदक जीतने से चूक गईं. हालांकि, इसके बाद उन्होंने 2018 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में 'गोल्ड मेडल' हासिल किया.

इसके बाद विनेश ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में "कांस्य पदक" पर कब्जा किया.  वहीं, नूर सुल्तान में पहला वर्ल्ड चैंपियनशिप पदक हासिल सभी को हैरान कर दिया. इसके बाद साल 2021 एशियाई चैंपियनशिप में अपना पहला 'गोल्ड मेडल ' जीता. इसी मेडल के बाद वे टोक्यो ओलंपिक का हिस्सा बनीं.  साथ ही उन्होंने राष्ट्रमंडल खेल 2022 में लगातार तीसरी बार 'गोल्ड मेडल' अपने नाम कर इतिहस रच दिया. वे तीन राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं.

पेरिस ओलंपिक 2024 में फोगाट का कैसा रहा सफर?
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने 50 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग के फाइनल में अपना स्थान सुरक्षित करने से पहले दुनिया की नंबर 1 और मौजूदा ओलंपिक चैंपियन जापान की युई सुसाकी पर 3-2 से जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया. सुसाकी इंटरनेशनल मुकाबलों में कभी नहीं हारी थी. 

इसके बाद फोगाट ने क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की 2018 यूरोपीय चैंपियन ओक्साना लिवाच को हराकर अपना दबदबा कायम रखा. वहीं, उन्होंने सेमीफाइनल में क्यूबा की युस्नेलिस गुज़मैन लोपेज़ पर 5-0 की रणनीतिक जीत के साथ फाइनल में अपना स्थान सुरक्षित किया.  

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