नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) के राज्य क्षेत्र में कुछ और इजाफा हो सकता है. इससे संबंधित राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 (National Capital Territory Governance Amendment Bill 2021) बिल लोकसभा में पोस हो चुका है. हालांकि इस बिल से पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इसके विरोध में रहे हैं.


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संसद में बिल पर बहस के बारे में बताते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि कानून के मुताबिक दिल्ली असेंबली से युक्त सीमित अधिकारों वाला एक केंद्र शासित राज्य है. उन्होंने कहा कि इसकी तुलना किसी दूसरे राज्य से नहीं की जा सकती और सभी लोगों को यह समझना चाहिए कि इसकी महदूद ताकतें हैं. 


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उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में यह बात कही है कि यह केंद्र शासित राज्य है और इस बिल में सभी संशोधन अदालत के फैसले के मुताबिक है. उन्होंने बताया कि कुछ स्पष्टताओं के लिए यह बिल लाया गया है. रेड्डी ने यकीन दिलाया कि इस बिल से दिल्ली की जनता को फायदा होगा शफ्फाफियत भी आएगी. 


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किसी का हक नहीं छीना जा रहा: रेड्डी
इस दौरान रेड्डी ने यह भी कहा कि दिसंबर 2013 तक दिल्ली का शासन सुचारू रूप से चलता था और सभी मामलों का हल बातचीत से हो जाता था लेकिन पिछले कुछ साल में विषयों को लेकर हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में जाना पड़ा क्योंकि कुछ अधिकारों को लेकर कोई स्पष्टता नहीं थी. रेड्डी ने यह भी कहा कि किसे से भी किसी तरह का हक नहीं छीना जा रहा है. 



भाजपा ने दिल्ली के लोगों का किया अपमान
बिल पास होने के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा,"आज लोकसभा में जीएनसीटीडी संशोधन विधेयक पारित करना दिल्ली के लोगों का अपमान है. विधेयक प्रभावी रूप से उन लोगों से शक्तियां छीन लेता है जिन्हें लोगों द्वारा वोट दिया गया था और जो लोग पराजित हुए थे उन्हें दिल्ली को चलाने के लिए शक्तियां प्रदान की गईं. भाजपा ने लोगों को धोखा दिया है."


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