New Delhi: दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को भाजपा सांसद और निवर्तमान WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को उनके खिलाफ कई महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में आदालत ने दो दिन की अंतरिम जमानत दे दी है. अंतरिम जमानत 25,000 रुपये के बांड पर दी गई.


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बृजभूषण ने आरोप पत्र को शब्दशः रिपोर्ट किए जाने पर आपत्ति जताई और अदालत में मीडिया ट्रायल का भी आरोप लगाया है. आरोपों का जवाब देते हुए अदालत ने कहा कि एक उचित आवेदन दायर किया जा सकता है.


WFI के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर को भी अंतरिम जमानत दे दी गई. कोर्ट नियमित जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगी. अदालत ने मीडिया कर्मियों से यह भी कहा कि "वे अपनी रिपोर्टिंग के प्रति जिम्मेदार रहें और न्यायाधीशों के बारे में गलत हवाला ना दें. अदालत ने कहा कि "खराब मीडिया रिपोर्टिंग के परिणाम होते हैं और यह अदालत की अवमानना हो सकती है."


जानकारी के लिए बता दें कि राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी से पहले बृजभूषण के आवास के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. छह महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न करने और डराने-धमकाने का आरोप लगाया है.


2 जून को दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के आधार पर दो एफआईआर और 10 शिकायतें दर्ज की है. WFI प्रमुख के खिलाफ शिकायतों में अनुचित तरीके से छूने, लड़कियों की छाती पर हाथ रखने, छाती से पीठ की ओर हाथ ले जाने और उनका पीछा करने जैसे अन्य प्रयासों का जिक्र किया गया है.


शहर पुलिस ने छह बार के सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ 15 जून को धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और के तहत आरोप पत्र दायर किया था. IPC 506 के तहत मुकदमा दर्ज है. बृजभूषण शरण सिंह ने यौन दुर्व्यवहार के सभी आरोपों से इनकार किया है. 


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