New Delhi: अगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने कमर कस लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के मुताबिक भाजपा के कार्यकर्ता सभी धर्मों के लोगों तक पहुंच बना रहे हैं और साथ में जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. चुनाव के तैयारीयों के मद्देनजर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा देश के अल्पसंख्यक समुदाय को लगातार पार्टी के साथ जोड़ने की कोशिश कर रहा है.


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जानकारी के लिए बता दें कि बीजेपी मुस्लिम समाज के सबसे बड़े वर्ग पसमांदा मुसलमानों को लुभाने की कोशिश कर रही है. इस मुहिम के तहत बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा गुरूवार को राजधानी दिल्ली में भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए एक बड़ी बैठक करने जा रहा है.


आपको बता दें कि गुरुवार को होने वाली बैठक में पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी एवं राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ-साथ मोर्चे के सभी प्रदेश अध्यक्ष एवं अन्य कई नेता शामिल होंगे. इसके अलावा अल्पसंख्यक समुदाय में अच्छा प्रभाव रखने वाले कुछ प्रभावशाली लोग भी इसमें शामिल हो सकते हैं.


इस बैठक में मोदी सरकार की उपलब्धियों को देशभर के मुसलमानों तक पहुंचाने की रणनीति बनाई जाएगी. वहीं समान नागरिक संहिता के सभी पहलुओं को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय के बीच मे जाने की रणनीति पर भी चर्चा होगी.


भाजपा आगामी दिनों में मुस्लिम समुदाय के प्रभावशाली लोगों को कैसे अपने साथ जोड़े इस पर भी चर्चा होगी और सूफी सम्मेलनों और पसमांदा मुसलमानों को पार्टी के साथ जोड़ने के अभियान की रूपरेखा पर भी बैठक में चर्चा होगी.


पसमांदा मुस्लमान का अर्थ
पसमांदा शब्द मूल रूप से फारसी का शब्द है. जिसका अर्थ होता है. वो लोग जो पिछे छूट गए हैं. दरअसल भारत में पसमांदा मुसलमानों का आंदोलन 100 साल पुराना है. दूसरे सदी दशक में एक मुस्लिम पसमांदा आंदोलन खड़ा हुआ था. भारत में 90 के दशक में पसमांदा मुस्लमानों के हक में दो बड़ा संगठन तैयार हुआ था.


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