छात्रों की मेंटल हेल्थ पर NCERT ने जारी की गाइडलाइन ; स्कूलों को करना होगा ये काम
NCERT Guidelines: एनसीईआरटी की तरफ से स्कूलों के छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. एक पैनल के जरिए बच्चों में इस परेशानी की पहचान कराई जाएगी.
Mental Health Problem In Students: अक्सर ऐसा देखा है कि बच्चे एग्जाम के टाइम काफी परेशान रहते हैं और फिर अगर उनके नंबर अच्छे नहीं आते तो वो मेंटली परेशान हो जाते हैं और फिर अचानक डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं और किसी को कुछ नहीं बताते. इस परेशानी से निपटने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानि NCERT ने सभी स्कूलों को गाइडलाइंस जारी की हैं. जिसके तहत पढ़ाई के साथ-साथ अब स्कूल बच्चों की मेंटल हेल्थ को लेकर भी अलर्ट रहेंगे. हिन्दुस्तान में 15 से 24 साल की आयु का हर सातवां नौजवान मानसिक स्वास्थ्य की परेशानी का सामना कर रहा है. स्कूल में पढ़ने वाले 12-13 फीसद बच्चों को डिप्रेशन, नकारात्मक सोच जैसी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ रहा है. ये आंकड़े हैरान करने से ज़्यादा परेशान करने वाले हैं.
NCERT ने तैयार किया नया रोडमैप
बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं कितनी संजीदा होती जा रही है, इसके लिए एनसीईआरटी की नई पहल से बहुत कुछ समझ में आ जाएगा. स्कूल में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं में बढ़ती मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम को हल करने के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी हैं. इस नए मॉडल में बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य के शुरूआती लक्षण मिलने पर ज़रूरी कदम उठाए जाएंगे. इनकी पहचान करने के साथ-साथ स्कूल से लेकर पेरेंटस के साथ तालमेल का रोडमैप तैयार किया गया है. बच्चों की हर समस्या को माता-पिता के साथ शेयर किया जाएगा.
अब स्कूलों में क्या होगा
एनसीईआरटी के ज़रिए स्कूल जाने वाले बच्चों और किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान करने की गाइडलाइन जारी की गई है. इसमें मानसिक स्वास्थ्य सलाहकार पैनल की स्थापना, स्कूल आधारित मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम और पेरेंट्स के साथ मिलकर एजुकेशन में सहायता करने का माहौल बनाना शामिल है. इस पैनल में प्रिंसिपल की अगुवाई में टीचर्स, पेरेंट्स, स्टूडेंट और पूर्व छात्र सदस्य को शामिल करने की बात सामने आई है.एनसीईआरटी द्वारा "स्कूल जाने वाले बच्चों और किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए प्रारंभिक पहचान के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं". पिछले सप्ताह शुरू की गई सर्व रिपोर्ट में छात्रों में तनाव और चिंता के अहम कारणों में एग्ज़ाम, रिज़ल्ट और साथियों के दबाव का हवाला दिया गया है.