NIA Raids: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 13 अगस्त को मुल्क के पांच राज्यों में महदूद संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. NIA के एक अधिकारी ने कहा, "केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार राज्यों के कन्नूर, मलप्पुरम, दक्षिण कन्नड़, नासिक, कोल्हापुर, मुर्शिदाबाद और कटिहार जिलों में कुल 14 स्थानों पर छापेमारी की गई है. छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक डिजिटल उपकरणों के साथ-साथ दस्तावेज भी जब्त किए गए है."


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NIA आतंक, हिंसा और तोड़फोड़ के घटनाओं के माध्यम से वर्ष 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने के लिए एक सशस्त्र कैडर बनाने के लिए PFI और उसके शीर्ष नेतृत्व के प्रयासों को उजागर करने और विफल करने के लिए काम कर रहा है. NIA ने कहा, "PFI समाज के कुछ वर्गों के खिलाफ लड़कर अपने हिंसक भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें हथियार प्रशिक्षण प्रदान करने की साजिश रच रहा है."


जानकारी के लिए बता दें कि NIA को संदेह है कि कई मध्य स्तर के PFI एजेंट मास्टर ट्रेनर के रूप में काम कर रहे हैं. जो अपने अत्यधिक कट्टरपंथी PFI कैडरों को हथियारों, लोहे की छड़ों, तलवारों और चाकूओं के इस्तेमाल का प्रशिक्षण देने के लिए मुल्क के अलग-अलग राज्यों में हथियार प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहे हैं. खुफिया और खोजी विश्लेषण और अंतर्दृष्टि के आधार पर यह इन कैडरों और गुर्गों की पहचान करने और गिरफ्तार करने के लिए पिछले कई महीनों से अलग-अलग राज्यों में कई स्थानों पर NIA छापेमारी कर रहा है.


आपको बता दें कि NIA ने PFI के खिलाफ मामला अप्रैल 2022 में दर्ज किया गया था. सितंबर 2022 के दौरान देशव्यापी अभियानों के बाद एजेंसी द्वारा आपत्तिजनक साक्ष्य इकट्ठा किए गए. जिससे एक दर्जन से अधिक एनईसी सदस्यों सहित कई शीर्ष पीएफआई नेताओं की गिरफ्तारी हुई थी. NIA ने आरोपियों के खिलाफ गहन जांच की और मार्च 2023 में उनमें से 19 के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.


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