Nida Fazli Birthday Special: `दुनिया न जीत पाओ तो हारो न आप को`, निदा फ़ज़ली के बेहतरीन शेर
Nida Fazli Birthday Special: निदा फ़ाज़ली की बहुत-सी नज़्मों और ग़ज़लों को मशहूर ग्लोकार जगजीत सिंह ने गाया है. निदा फ़ाज़ली ने 08 फरवरी 2016 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
Nida Fazli Birthday Special: निदा फ़ाज़ली उर्दू और हिंदी के मशहूर शायर थे. उनका पूरा नाम मुक़्तदा हसन निदा फ़ाज़ली था. पद्मश्री अवार्ड याफ़्ता शायर निदा फ़ाज़ली ने बॉलीवुड फिल्मों के लिए कई सदाबहार गाने लिखे हैं. निदा फ़ाज़ली की नज़्मों और ग़ज़लों की कई एलबम आई हैं. निदा फ़ाज़ली ने 08 फरवरी 2016 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
ये क्या अज़ाब है सब अपने आप में गुम हैं
ज़बाँ मिली है मगर हम-ज़बाँ नहीं मिलता
---
रिश्तों का ए'तिबार वफ़ाओं का इंतिज़ार
हम भी चराग़ ले के हवाओं में आए हैं
---
गिनतियों में ही गिने जाते हैं हर दौर में हम
हर क़लमकार की बे-नाम ख़बर के हम हैं
---
किताबें यूँ तो बहुत सी हैं मेरे बारे में
कभी अकेले में ख़ुद को भी पढ़ लिया जाए
---
बेसन की सौंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ
याद आती है! चौका बासन चिमटा फुकनी जैसी माँ
---
बड़े बड़े ग़म खड़े हुए थे रस्ता रोके राहों में
छोटी छोटी ख़ुशियों से ही हम ने दिल को शाद किया
यह भी पढ़ें: Mirza Ghalib Poetry: 'हम को उन से वफ़ा की है उम्मीद', मिर्ज़ा ग़ालिब के बेहतरीन
इस अँधेरे में तो ठोकर ही उजाला देगी
रात जंगल में कोई शम्अ जलाने से रही
---
दुनिया न जीत पाओ तो हारो न आप को
थोड़ी बहुत तो ज़ेहन में नाराज़गी रहे
---
मुट्ठी भर लोगों के हाथों में लाखों की तक़दीरें हैं
जुदा जुदा हैं धर्म इलाक़े एक सी लेकिन ज़ंजीरें हैं
---
हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी
जिस को भी देखना हो कई बार देखना
---
घी मिस्री भी भेज कभी अख़बारों में
कई दिनों से चाय है कड़वी या अल्लाह
---
मिरे बदन में खुले जंगलों की मिट्टी है
मुझे सँभाल के रखना बिखर न जाऊँ में
---
इसी तरह की और खबरों को पढ़ने के लिए zeesalaam.in पर विजिट करें.