Nitish government crisis: बिहार में सियासी उलटफेर की चर्चा चल रही है. अब तक तो रिपोर्ट यही है कि नीतीश कुमार पांच साल बाद एक बार फिर पाला बदल सकते हैं. जदयू ने आरसीपी सिंह प्रकरण के बाद मंगलवार को विधायकों और सांसदों की आपात बैठक बुलाई है. बैठक में भाजपा से गठबंधन तोड़ने पर फैसला लिया जा सकता है. हालांकि जेडीयू की तरफ से अभी तक कोई ऑफिशियल बयान जारी नहीं किया गया है. नीतीश और जेडीयू के बीजेपी से नाराज होने की कई वजहें हैं, उनमें एक वजह बिहार विधानसभा के अध्यक्ष और बीजेपी विधायक विजय सिंहा भी हैं. 


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इसी साल मार्च में सीएम नीतीश कुमार की सदन के अंदर ही विजय सिन्हा से काफी तीखी बहस हो गई थी. ये तकरार लखीसराय में एक पुलिस केस को लेकर हुआ था और विजय सिन्हा भी लखीसराय से ही ताल्लुक रखते हैं. सदन में इस तकरार को लेकर सीएम नीतीश ने अपना आपा खो दिया था और स्पीकर को संविधान की ही याद दिलाने लगे थे.


बताया जा रहा है कि इस वाक्ये के बाद से ही सीएम नीतीश कुमार स्पीकर विजय सिन्हा के काफी नाराज चल रहे हैं. हालांकि सीएम की नीतीश की बीजेपी से नाराजगी जाति गणना, जनसंख्या नियंत्रण कानून, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जैसे मसले को लेकर भी है, लेकिन अब अगर बीजेपी को नीतीश कुमार को मनान है तो बीजेपी को नीतीश कुमार कुछ ना कुछ बात को माननी ही पड़ेगी, कुछ समझना होगा और कुछ बलि भी देनी होगी. अब ये खबर आ रही है कि सीए नीतीश कुमार को मनाने के लिए बीजेपी विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा की बलि दे सकती है. क्येंकि नीतीश कुमार विजय सिन्हा से असहज हैं और और वह सदन में ऐसा अध्यक्ष चाहते हैं जिसमें अध्यक्ष के आसन से सरकार पर सवाल ना उठाया जाए. 


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अब बिहार में सियासी बवाल का ऊंट किस करवट बैठता है, ये तो वक्त ही बताएगा. आज जेडीयू ने अपने विधायकों और सांसदों के साथ बैठक करने का फैसला किया है. 11 बजे पटना के मुख्यमंत्री आवास 1 अन्ने मार्ग में सभी विधायकों और सांसदों को बुलाया गया है. पहले दौर में सीएम नीतीश पार्टी के सांसदों के साथ बैठक करेंगे, जबकि दूसरे राउंड की बैठक में सिर्फ विधायकों के साथ चर्चा करेंगे. इस बैठक में बिहार की मौजूदा सियासी सूरते हाल पर चर्चा होगी. नीतीश इस बैठक में फैसला करेंगे कि जेडीयू को एनडीए में रहना है या नहीं. इस बैठक में पार्टी को कुछ सीनियर नेताओं को भी बुलाया गया है. 


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