बागेश्वर बाबा को लेकर नीतीश कुमार का बड़ा बयान, कहा- उनकी बातों का कोई मूल्य नहीं है
Nitish Kumar on Dhirendra Shastri: बिहार के मुख्यमंत्री ने बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री की बिहार यात्रा पर दिए गए बयान को लेकर कहा कि उनकी बातों का कोई मूल्य नहीं है. देश के आजाद होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे. क्या वे देश का नाम बदल देंगे
Nitish Kumar on Dhirendra Shastri: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को स्वयंभू संत बाबा बागेश्वर के भारत को 'हिंदू राष्ट्र' बनाने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे बयानों की कोई कीमत नहीं है, क्योंकि ये उन लोगों के ज़रिए की गई है, जिन्हें देश की आजादी की लड़ाई या संविधान के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, "वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के आजाद होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे. क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का बराबर हक है. हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते. हम हर धर्म की इज्ज़त सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए आजाद हैं."
नीतीश ने कहा, "उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है. हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में यकीन करते हैं. मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनके नजरिये की बुनियाद पर तरक्की कर रहे हैं. हैरानी की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं. इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में यकीन रखने का हक है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता."
उन्होंने कहा, "हमारे देश में सात समुदाय हैं - हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन. इन समुदायों के लोगों को संविधान के मुताबिक बराबर हक हासिल हैं. देश में पारसियों की तादाद कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं. लेकिन उनके पास भी अन्य लोगों की तरह बराबर हक हैं और हम इसकी इज्ज़त करते हैं. हम हमेशा यह यकीनी बनाते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो. किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की इजाज़त नहीं है."
नीतीश कुमार आगे कहते हैं, "अगर कोई संविधान में बदलाव करना चाहता है, तो उसे लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है. बदलाव सिर्फ सभी दलों के फैसले से होता है." इस आरोप पर कि उनकी सरकार 'सनातन धर्म' के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : "वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं."
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